हैदराबाद पुलिस ने किया फर्जी लोन देने वाली चीनी कंपनियों का भंडाफोड़


हाल ही में एक अहम कार्रवाई में हैदराबाद पुलिस ने एक वित्त घोटाले का चीनी कनेक्शन ढूंढ निकाला है। इन्स्टेन्ट लोन के नाम पर ठगने वाली इस कंपनी के कारण अभी हाल ही में 3 व्यक्तियों ने आत्महत्या कर ली, और हैदराबाद पुलिस अब इसके पीछे के वास्तविक अपराधियों को ढूँढने की कवायद तेज कर चुकी है।

हैदराबाद पुलिस का कहना है कि जो एप इन्स्टेन्ट लोन उपलब्ध कराने का दावा कर रही थी, वो लोन देने के बाद ग्राहकों से उगाही के नाम पर उन्हे उल्टा सीधा सुनाती थी, और उन्हें धमकियाँ भी देती थी। इसके तार कुछ इंडोनेशियाई नागरिकों और एक चीनी व्यक्ति से भी जुड़े बताए जा रहे हैं।

द प्रिन्ट की रिपोर्ट के अनुसार, “शहर के तीन प्रमुख क्षेत्र – हैदराबाद, साइबराबाद और राचकोंडा के अधिकारियों ने ऐसे करीब 60 शिकायतों का संज्ञान लिया है, जिनमें से अधिकतर तो आरबीआई द्वारा स्वीकृत अथवा पंजीकृत भी नहीं है।”

इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया, “जांच के अनुसार, हैदराबाद पुलिस ने हैदराबाद और गुरुग्राम में स्थित कई कॉल सेंटरों में रेड लगाई, जहां कर्मचारी केवल उगाही के लिए रखे जाते थे, और फोन पर पैसे न चुकाने के लिए उन्हें परेशान करते थे, उन्हें ऑनलाइन धमकाते भी थे। ये बातें मंगलवार को पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा भी की। इसके अलावा पुलिस ने कुछ आरोपित एप्स के नाम भी लिए, जैसे कैश मामा, लोन ज़ोन, कैश एरा, धनाधन, कैश लायन, मास्टरमेलन, लकी वॉलेट, कोको कैश इत्यादि।

पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार के अनुसार, हैदराबाद और गुरुग्राम में स्थित कॉल सेंटर चार कंपनियों के नाम पर चलती थी – Liufang Technologies Pvt Ltd, Hotful Technologies Pvt Ltd, Pinprint Technologies एवं Nabloom Technologies Pvt. Ltd। ये सभी बेंगलुरू में पंजीकृत थी।

अब इससे लोगों को क्या नुकसान होता था? यदि समय पर लोन नहीं चुकाया, तो ये कंपनियों या तो फोन पर धमकियाँ देती थी, या फिर उनके परिवार के सदस्यों और अन्य परिजनों में ये बात फैलाते थे कि उक्त व्यक्ति भगोड़ा है, जिसने पैसे अभी तक नहीं दिए हैं। इसके कारण हैदराबाद में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एक कृषि एक्सटेंशन अफसर और एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। 

पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार के अनुसार, “इस कंपनी के कॉल करने वाले एजेंट इंडोनेशिया से इन्स्ट्रक्शन लेते थे। ये सारा काम चीनी नागरिकों की देखरेख में किया जाता था। गुरुग्राम में हमारी रेड में एक चीनी नागरिक के पासपोर्ट की कॉपी भी मिली है। ऐसे विदेशी लिंक की जांच पड़ताल करना बेहद जरूरी है।”

हैदराबाद पुलिस ने इसी दिशा में अब तक 11 लोगों को हिरासत में लिया है, और अपनी विभिन्न रेड में 700 से भी अधिक लैपटॉप, सर्वर और कंप्यूटर सिस्टम जब्त किए हैं। लेकिन यह तो सिर्फ हैदराबाद की कहानी है। अब जरा सोचिए, अगर राष्ट्रीय स्तर पर इसकी जांच हुई तो ऐसे न जाने कितने एप निकलेंगे। ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को ही इस विषय पर गंभीर जांच के आदेश देने चाहिए, और ये सुनिश्चित किया जाए कि इसके दोषियों पर किसी भी प्रकार से कोई रहमी नहीं बरती जाएगी।

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