
सर्दी का मौसम आ गया है और ऐसे में कोहरा होना तो लाजमी है लेकिन इस कोहरे की चक्कर में काफी ट्रेनों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है! इतना ही नहीं बल्कि इसकी वजह से कई बार ट्रेन ज्यादा लेट भी हो जाती है! कई सालों की कोशिश के बाद भारतीय रेलवे ने सर्दी में कोहरे से निपटने के लिए अब इन सभी दिक्कतों से निजात पाने के लिए रेलवे नहीं एक ऐसी तरकीब और डिवाइस बना ली है जिसके इस्तेमाल से कोहरे से निपटने में काफी हद तक सफलता मिल सकती है!
अब सर्दियों में ठंड और कोहरे को देखते हुए ट्रेन के अंदर खास तरीके की डिवाइस लगाए जाएंगे जिनकी मदद से ड्राइवर को कम विजिबिलिटी में भी कोहरे से निपटने में आसानी होगी! उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगाल ने इस मामले में उस प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की है, जिससे किसी स्टेशन पर कोहरे की स्थिति की घोषणा होती है!
उनके अनुसार, रेलवे के अंदर कई विभाग ऐसे है जोकि पैदा हुई परिस्थितियों के लिए व्यवस्थाएं करते हैं! विजिबिलिटी को आंकने के लिए रेलवे स्टेशनो पर चेक करने के लिए उपकरण लगाए जाते हैं! उस दौरान अगर ऐसा हो कि जितनी दुरी को तय किया है और उस दुरी की चीज़े नहीं दिखाई दे रही है तो रेलवे स्टेशन मास्टर इसे कोहरे घोषित करते हैं!
विजिबिलीटी परीक्षण वस्तु को स्टार्टर से 180 मीटर की दूरी पर रखा गया है! यदि यह स्टेशन मास्टर को दिखाई नहीं देता है, तो कोहरे की स्थिति घोषित की जाती है! और कोहरे का संकेत रिकॉर्ड किया जाता है और इसका समय नोट किया जाता है! जब परीक्षण ऑब्जेक्ट दिखाई देता है, तो कोहरा की स्तिथि को फिर से वापस ले लेते है!
गंगाल ने बताया कि कोहरे के कारण चालक दल को सिग्नल देखने में परेशानी हो सकती है! इसलिए फॉग सेंसिंग डिवाइस को सिग्नल के अंतराल के बीच रखा जाता है! चालक दल को सिग्नल स्थान पुस्तिकाएं भी दी गई हैं ताकि वे संकेत के स्थान से अवगत हों! यदि यह नहीं देखा जाता है, तो यह ड्राइवरों को आवश्यकता के अनुसार ट्रेन की गति को कम करने में मदद करता है!
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