बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया उद्धव सरकार को बड़ा झटका, आरे मेट्रो शेड को शिफ्ट करने के फैसले पर लगाई रोक

 


महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसले हमेशा उसके लिए ही मुसीबत का सबब बनते रहते हैं। इन फैसलों पर विपक्ष की तरफ से तो सवाल उठाए ही जाते हैं। साथ ही अदालतों में भी महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की जमकर आलोचना होती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब केंद्र सरकार की एक याचिका पर उद्धव सरकार के कांजुरमार्ग में मेट्रो शेड प्रोजेक्ट को स्थानांतरित करने के फैसलै को लेकर रोक लगा दी है। इस पूरे मामले के बाद केंद्र और राज्य आमने-सामने तो आए ही हैं लेकिन इसमें झटका राज्य सरकार को ही लगा है।

मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर शुरू से महाराष्ट्र की उद्धव सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है। इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार ने अब निर्णय किया था कि मेट्रो शेड का काम आरे से हटाकर कांजुरमार्ग शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन अब कांजुरमार्ग की 102 एकड़ की जमीन पर केंद्र सरकार अपना दावा कर रही है। इसको लेकर केन्द्र सरकार की तरफ से याचिका लगाई गई थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इस प्रोजेक्ट को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। मुंबई हाई कोर्ट का फैसला उद्धव ठाकरे की सरकार के लिए बड़ा झटका है, हालांकि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रही है।

मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता एवं न्यायमूर्ति गिरीश एस.कुलकर्णी की पीठ ने सुनवाई में कहा था, “प्रस्तुत कागजात से यह सिद्ध होता है कि यह भूमि केंद्र सरकार की है।” एमएमआरडीए ने भी माना है कि यह जमीन केंद्र सरकार की है। इस मामले में अंतरिम स्थगन का आदेश देते हुए पीठ ने अगले आदेश तक संबंधित भूमि पर कोई भी निर्माण करने पर पूर्णतः रोक लगा दी है। हाईकोर्ट इस बेहद हाई प्रोफाइल मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2021 में करेगी।

हाईकोर्ट में झटका खाने के बाद उद्धव सरकार और उनके मंत्री लगातार बयान दे रहे हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करेंगे, और अपनी बात रखेंगे; लेकिन जिन दस्तावेजों के आधार पर मुंबई हाई कोर्ट ने फैसला दिया है, वह साफ जाहिर करता है कि सुप्रीम कोर्ट में भी उद्धव सरकार की दलीलों का चलना काफी मुश्किल है। मुंबई मेट्रो शेड के कार्य प्रोजेक्ट पिछले काफी समय से विवादित ही रहा है, उद्धव सरकार बनने के दूसरे ही दिन आदेश आ गया था कि आरे के जंगलों में बनने वाला मेट्रो शेड के काम को रद्द कर दिया जाए, जिस कारण उनकी काफी आलोचना हुई थी। इस पूरे में प्रोजेक्ट में अब तक बड़े राजस्व की बर्बादी हो चुकी है।

उद्धव सरकार के इस फैसले की उस दौरान भी काफी आलोचना हुई थी, विपक्ष में बैठी बीजेपी ने भी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया था। जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को कांजुरमार्ग स्थानांतरित करने की बात उद्धव सरकार के तरफ से सामने आई थी, लेकिन अब इस भूमि पर भी केंद्र सरकार द्वारा आपत्ति जारी करना महाराष्ट्र सरकार के लिए एक झटका है। अनुभवहीनता के कारण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ऐसे फैसले ले रहे हैं, जो सतत कुछ दिनों में उनकी सरकार की किरकिरी करा रहे हैं।

आपको ये पोस्ट कैसी लगी नीचे कमेंट करके अवश्य बताइए। इस पोस्ट को शेयर करें और ऐसी ही जानकारी पड़ते रहने के लिए आप बॉलीकॉर्न.कॉम (bollyycorn.com) के सोशल मीडिया फेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम पेज को फॉलो करें।

0/Post a Comment/Comments