एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी की लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर , मुलाकात के बाद छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट तेज हो गई है, ठीक उसी तरह जिस तरह बिहार में 6 छोटे राजनीतिक दलों के साथ मिलकर ओवैसी ने ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट बनाया था, और चुनाव लड़ा था, इस फ्रंट ने 5 सीटों पर जीत हासिल की थी, इस मोर्चे के संयोजक पूर्व केन्द्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव ने थे, इन 6 दलों में रालोसपा, एआईएमआईएम, बसपा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक तथा जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट शामिल थे, इन 6 पार्टियों में तीन बिहार केन्द्रित पार्टियां थी, लेकिन तीन पार्टियां ऐसी थी, जिनका यूपी में भी अपना वजूद है।
मिलकर चुनाव लड़ेगी
सवाल यही है कि क्या बिहार गठबंधन में शामिल बसपा भी यूपी चुनाव में एआईएमआईएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी, हालांकि गठबंधन की तलाश शिवपाल यादव के साथ भी जारी है, यूपी में आप के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद आप के साथ गठबंधन पर भी ओवैसी कहते हैं कि रास्ते सबके लिये खुले हैं, इसके अलावा अपना दल के कृष्णा पटेल गुट को भी महागठबंधन में साथ लाना चाहते हैं, फिलहाल ओवैसी की नजर यूपी के 2022 चुनाव पर है, बिहार में 5 विधायकों की जीत ने ओवैसी के आत्मविश्वास को बढा दिया है।
भागीदारी संकल्प मोर्चा के तहत लड़ेंगे चुनाव
भागीदारी संकल्प मोर्चा में राजभर की एसबीएसपी के अलावा पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, बाबू राम पाल की राष्ट्रीय उदय पार्टी, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी तथा प्रेमचंद प्रजापति की राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी शामिल है, इसके साथ ओवैसी ने कहा कि हम अब राजभर के मोर्चा का हिस्सा है, आज मैं उनसे मिला हूं, हम उनके साथ जाएंगे, भागीदारी संकल्प मोर्चा का गछन पहले ही किया गया था, हम उनके साथ रहेंगे, वही उन्होने कहा कि राजभर की पार्टी ने हाल ही में हुए बिहार चुनाव में एआईएमआईएम उम्मीदवारों की जीत में भूमिका निभाई थी।
ओवैसी ने बसपा और चुनाव पर कही ये बात
ओवैसी से जब पूछा गया कि क्या बसपा सुप्रीमो मायावती भी भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा होंगी, इस पर उन्होने कहा कि मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन मैं इतना मानता हूं, कि मैं भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा हूं और हम इसे आगे ले जाएंगे तथा देखेंगे कि भविष्य में क्या होता है, इसके अलावा उन्होने कहा कि हमने 5 साल पहले यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि हमें कोई सफलता नहीं मिली थी, फिर हमने नगर निगम चुनाव लड़ा था, हम यहां लगातार काम कर रहे हैं।
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