नये कृषि कानूनों के विरोध में सड़क पर उतरे किसान झुकने को तैयार नहीं है, किसानों की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी की चिंता बढ गई है, किसानों आंदोलन की रफ्तार और बढती है, तो हरियाणा में जेजेपी के सहयोग से चल रही खट्टर सरकार की परेशानी बढ सकती है, पिछले कुछ दिनों से खबरें आ रही थी, कि हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जेजेपी इस आंदोलन को लेकर बीजेपी पर दबाव बनाने लगी है, बीजेपी की सहयोगी दुष्यंत चौटाला की जेजेपी में भी कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में सरकार से अलग होने की मांग तेज होने लगी है, हाल ही में दुष्यंत चौटाला ने इस मुद्दे पर विधायकों के साथ बैठक की।
विधायकों के साथ बैठक
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में जेजेपी विधायकों की एक मीटिंग हुई, इस बैठक में विधायकों ने दुष्यंत से खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग तेज कर दी है।
8 दिसंबर को बैठक
रिपोर्ट के मुताबिक ये बैठक 8 दिसंबर को हुई, इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर बातचीत की गई, बैठक में पार्टी विधायकों से किसान आंदोलन का उनके क्षेत्र में असर, राज्यों को लोगों के रुख आदि के बारे में फीडबैक लिया गया, बताया जा रहा है कि दुष्यंत ने विधायकों को इसे सीरियसली लेने के लिये कहा गया है।
शीर्ष नेताओं के संपर्क में दुष्यंत
सूत्रों की मानें तो इस मामले को लेकर दुष्यंत चौटाला केन्द्र सरकार के नेताओं के संपर्क में है, बीजेपी पर इस मामले में जल्द समाधान के लिये दबाव बनाया जा रहा है। हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें पीछे रह गई थी, तब दुष्यंत की अगुवाई वाली जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन दिया था, राज्य में खट्टर सरकार की वापसी हुई थी, फिलहाल 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में जेजेपी के 10 विधायक हैं, अगर जेजेपी समर्थन वापस लेती है, तो हरियाणा में बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है।
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