अमेरिकी अधिकारियों पर चीन ने किया है माइक्रोवेव एनर्जी से हमला

 

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दिल्ली। अमेरिका और चीन के तनाव के बीच चीन की साजिषों को खुलासा होता जा रहा है। चीन ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ साजिष किया था जिसकी एक रिपोर्ट से जानकारी मिली है। बीते कुछ साल के दौरान चीन और क्यूबा में अमेरिकी दूतावास के कई स्टाफ रहस्यमय तरीके से बीमार हो गए थे। इन घटनाओं की जांच के बाद अमेरिका की नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा है कि इस बात की आशंका सबसे अधिक है कि माइक्रोवेव एनर्जी से हमला किया गया था। यह ऐसा हमला है कि व्यक्ति का पता भी नहीं चले और धीरे-धीरे बीमार होता चला जाये। नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज का कहना है कि जिन मामलों की उन्होंने जांच की उनमें पल्स्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी इनर्जी के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं। रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि सोची समझी रणनीति के तहत ही माइक्रोवेव इनर्जी का इस्तेमाल किया गया, बल्कि कहा गया है कि अपराधी किस्म के लोग भी इसके पीछे हो सकते हैं। वैज्ञानिकों के 19 सदस्यों की कमेटी ने अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर यह जांच की। 2017 में मार्क लेन्जी नाम के अमेरिकी राजनयिक गुआन्गझोऊ में तैनात थे।

एक दिन अचानक वह रहस्यमय तरीके से बीमार पड़ गए और उन्हें सिर दर्द होने लगा। पढ़ने में भी दिक्कत होने लगी। याददाश्त और नींद की समस्या भी शुरू हो गई। अमेरिकी राजनयिक मार्क लेन्जी के एमआरआई स्कैन में पता चला कि उनके दिमाग के 20 हिस्सों का घनत्व काफी कम हो गया है। उन हिस्सों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है जो याददाश्त, इमोशनल रेग्यूलेशन से जुड़े होते हैं। दिमाग के तीन हिस्सों का घनत्व बढ़ा हुआ पाया गया। रिसर्चर्स का कहना था कि दिमाग के कई हिस्सों का कम घनत्व होना ब्रेन इन्जरी का संकेत हो सकता है। अमेरिकी अधिकारियों पर ज्यादातर ऐसे हमले 2016 और 2017 के बीच हुए थे।

कुछ मामले 2017 के बाद भी सामने आए हैं। नेशनल अकेडमी ऑफ साइंसेज ने माइक्रोवेव हथियार के इस्तेमाल को लेकर चिंता जाहिर की है। ज्ञात हो कि दुनिया में कुछ ही देश ऐसे हैं जिनके पास माइक्रोवेव हथियार हैं। इनमें रूस को भी गिना जाता है। क्यूबा में अमेरिकी अधिकारियों के रहस्यमय तरीके से बीमार पड़ने की घटनाओं के तार रूस से जोड़े जाते हैं। यह ऐसा हथियार है जिससे व्यक्ति को सीधे नहीं मारा जाता है बल्कि बीमार कर के मारते हैं।

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