इस ‘सुई’ से लोगों को लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन, जानें क्या है इसमें खास

 

corona vaccine needle

कोरोना वायरस ने दुनिया के लगभग तमाम देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। करोड़ों लोग इस वायरस की चपेट में आने की वजह से मौत की कगार पर पहुंच गए है लेकिन अब जल्द ही इस वायरस से बचाने वाली वैक्सीन तैयार होने वाली है। कई कंपनियां इन दिनों सिर्फ कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगी है। जो तीसरे ट्रायल पर पहुंच गई है। ऐसे में कोई भी कंपनी कोरोना वैक्सीन का ऐलान कर सकती है। जिसके चलते कई तरह के सवाल लोगों के मन में है। जिसमें सबसे पहला सवाल ये है कि कोरोना वैक्सीन की कीमत क्या है और दूसरी बात लोग ये जानना चाहता है कि वैक्सीन को कितनी मात्रा में लोगों को दिया जाएगा। इन तमाम सवालों के बीच अब तक किसी भी व्यक्ति का ध्यान इस बात पर नहीं गया कि वैक्सीन लगाने के लिए सबसे पहले जिस चीज की जरूरत होगा इसके पुख्ता इंतजाम हैं भी या नहीं। यहां हम बात कर रहे हैं सिरिंज (Syrienge) की।

सिरिंज बननी हुई शुरू
दरअसल सिरिंज के मामले में भारत अब आत्मनिर्भर बन चुका है। कोरोना वायरस से बचाने के लिए जितनी भी सिरिंज की जरूरत पड़ेगी, वो सभी सिरिंज भारत में बनाई जाएगी। जिसकी तैयारी भी शुरु हो गई है। कोरोना वैक्सीन की एक डोज 0.5ml की होगी। जिसके चलते सिरिंज भी ऐसी बनाई जा रही है, जिसमें 0.5ml की डोज आ सकती है। इस सिरिंज की खास बात ये है कि ये ऑटो डिसेबल सिरिंज होगी। यानि कि जैसे ही इस सिरिंज का एक बार इस्तेमाल हो जाएगा। तो इसका दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस तरह की सिरिंज को काफी ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। जिस वजह से भारत में ऐसी ही सिरिंज को बनाने की तैयारी हो रही है।

90 करोड़ सिरिंज बनाने की तैयारी
बता दें कि भारत की सबसे बड़ी सिरिंज बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान सिरिंज का प्लांट है। हरियाणा के फरीदाबाद में बनें इस प्लांट में काम किस रफ्तार से चल रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर हर घंटे एक लाख सिरिंज बनाई जा रही है। कंपनी को 20 करोड़ सिरिंज बनाने का ऑर्डर मिल चुका है, जिसमें से 10 करोड़ बनकर तैयार हैं। हालांकि, भारत को इससे कई ज्यादा सिरिंज की जरूरत है लेकिन कोरोना की वैक्सीन लोगों तक दो बार लगाई जाएगी। जिसमें 28 दिन का अंतर होगा। ऐसे में माना जा रहा है 90 करोड़ सिरिंज की जरूरत पड़ सकती है। जिसे भी समय के अनुसार बनाया जाएगा।

बच्चों को नहीं लगेगी वैक्सीन
हालांकि, भारत की जनसंख्या 135 करोड़ है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही संकेत दे दिए है कि पहले उन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसमें हेल्थ केयर वर्कर, बुजुर्ग और बीमार लोग शामिल है। वहीं, अगर इन दिनों कोरोना वायरस के चैन टूट जाती है। तो इस वैक्सीन को सभी लोगों तक पहुंचाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिससे सरकार को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। बच्चों को लगाने से पहले इसका ट्रायल किया जाएगा। जिसके बाद ही बच्चों तक वैक्सीन पहुंचाई जाएगी।

सरकार के सामने चुनौतियां
हालांकि, बाजार में कोरोना वायरस की वैक्सीन उतरने के बाद भी सरकार के सामने कई तरह की चुनौतियां खड़ी है। सरकार को अभी भी वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज, वेस्ट डिस्पोजल और सबसे बड़ी बात, इंजेक्शन लगाने के लिए ट्रेंड हेल्थ स्टाफ की जरूरत है। ऐसे में सरकार को वैक्सीन मिलने के साथ ही इन परेशानियों पर भी ध्यान देना है ताकि वैक्सीन मिलते ही इन चुनौतियों पर काम हो सके। और लोगों तक आसानी से वैक्सीन पहुंचाई जा सके।

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