‘तुम्हें माफी माँगनी ही चाहिए’, चीन के फेक न्यूज पर ऑस्ट्रेलिया ने दिखाया अपना रौद्र रूप

 


इन दिनों दुनिया के राजनीतिक समीकरण में कई अहम बदलाव आए हैं। वुहान वायरस के कारण चीन की छवि को नुकसान अवश्य पहुँचा है, लेकिन जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की संभावना मात्र से ही एक बार फिर चीन अपनी धूर्तता पर उतर आया है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में चला एक ऐसा ही दांव न केवल बुरी तरह फेल हुआ, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने इसके लिए चीन को खरी-खोटी सुनाते हुए चीनी प्रशासन से माफी भी मांगने को कहा।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, “चीनी प्रशासन के प्रवक्ता झाओ लीजियान ने हाल ही में एक ट्वीट किया था, जिसमें एक अफ़गान लड़के की गर्दन पर एक ऑस्ट्रेलियाई सैनिक द्वारा कथित तौर पर चाकू तानते हुए दिखाया गया था। इस पर ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इस ट्वीट को ट्विटर से हटाने की मांग की।”

स्वयं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन इस भ्रामक ट्वीट से बहुत क्रोधित थे। उनके अनुसार, “ये सरासर झूठ है, और इसे किसी भी स्थिति में आप उचित नहीं ठहरा सकते। चीनी प्रशासन को इस पोस्ट पर शर्म आनी चाहिए। ये दुनिया की दृष्टि में उसका कद और उसका प्रभाव दोनों ही कम करता है।” स्कॉट मॉरिसन ने स्पष्ट कहा कि चीन को इस ओछी हरकत के लिए अविलंब ऑस्ट्रेलिया से क्षमा माँगनी चाहिए।

लेकिन यह पहली बार नहीं है जब चीन ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध इस प्रकार की ओछी हरकत की हो। जब वुहान वायरस के प्रकोप का आभास दुनिया को हो रहा था, तब ऑस्ट्रेलिया उन चंद देशों में शामिल था, जिसने वुहान वायरस की उत्पत्ति के विषय पर निष्पक्ष जांच की मांग की। लेकिन यही बात चीन को ठीक नहीं लगी, और उसने स्वभाव अनुसार ऑस्ट्रेलिया को डराना धमकाना शुरू किया।

चूंकि चीन ने ऑस्ट्रेलिया में कई जगह निवेश किया, और साथ रणनीतिक रूप से अहम एक एयरपोर्ट और एक समुद्री पोर्ट को अपने नियंत्रण में लिया हुआ था, इसलिए उसे लग रहा था कि वह कुछ  भी करेगा, और एक उदारवादी देश होने के नाते उसे  ऑस्ट्रेलिया कुछ नहीं बोलेगा।

लेकिन चीन ने भारत की भांति ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष स्कॉट मॉरिसन को कमतर आँकने की बहुत बड़ी भूल की है। जब स्कॉट मॉरिसन ने चीनी गतिविधियों पर नजर डाली, तभी से वे समझ गए कि ईंट का जवाब पत्थर से देना श्रेयस्कर है। ऐसे में जब चीन ने ऑस्ट्रेलिया के बार्ले [Barley – जौ] एक्सपर्ट पर भारी भरकम जुर्माना थोपने की धमकी दी, तो स्कॉट ने चीन के विरुद्ध आधिकारिक तौर पर मोर्चा संभाला।

सर्वप्रथम तो ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा कोई अवसर नहीं छोड़ा, जहां चीन की फजीहत न कराई जा सके। रक्षात्मक मोर्चे पर स्कॉट मॉरिसन ने भारत, जापान और अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत बनाया, और आज यह QUAD समूह के रूप में सबके सामने प्रस्तुत है। विशेषकर भारत के साथ अपने संबंध प्रगाढ़ करने में स्कॉट मॉरिसन ने कोई कसर नहीं छोड़ी, और जब बात चीन को उसकी औकात बताने की हो, तो दोनों देश अपनी एकजुटता दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते, चाहे ‘समोसा डिप्लोमेसी’ हो या फिर मालाबार में अमेरिका और जापान के साथ संयुक्त नौसेना युद्ध अभ्यास ही क्यों न हो।

अब जिस प्रकार से चीन के भ्रामक प्रचार को पनपने से पहले ही स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने ध्वस्त किया है, उससे इस देश ने एक स्पष्ट संदेश भेजा है – हमसे जो टकराएगा, मिट्टी में मिल जाएगा।

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