AIUDF का सदस्य बदरुद्दीन कई सारे बाल गृह चलाता है, आतंक फैलाने के आरोप में अब वह NCPCR के रडार पर आ चुका है

 


मदरसों, मस्जिदों में विदेशों द्वारा होने वाली फंडिंग हमेशा ही एक शक के दायरे में आ जाती है क्योंकि कई बार इनसे ऐसी असामाजिक खबरें सामने आ जाती है, जो दिल दहला देती हैं। इसलिए असम के 6 बाल गृहों को मिल रही फंडिंग अब खौफनाक और संदिग्ध लग रही हैं। खास बात ये है कि इन बाल गृहों के तार लोकसभा सांसद और एआईयूडीएफ नेता बदरुद्दीन अजमल से भी जुड़े हुए है क्योंकि उन्होंने ही इन बाल गृहों की स्थापना की थी। इसलिए अब एआईयूडीएफ के अजमल अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रडार में आ गए हैं, क्योंकि उनका ट्रैक रिकार्ड काफी खराब रहा है।

एनसीपीसीआर जो पूरे देश में बच्चों के संरक्षण के लिए कार्यरत है, उस संस्था का कहना है कि देश के पूर्वोत्तर राज्य असम और मणिपुर में मरकज उल मारिफ संस्था के अंतर्गत आने वाले 6 मदरसों में संदिग्ध फंडिंग हुई है और उसके पैसों का दुरुपयोग भी काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। आयोग का कहना है कि इन बाल गृहों को ऐसी जगहों से पैसे मिल रहे हैं जिसका संबंध आतंकवादी संगठन अलकायदा से भी है, जिसके बाद आयोग ने राज्य सरकार और संबंधित जिला अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी है और इस मामले की वृहद जांच की जा रही है।

खास बात ये है कि इस बाल गृहों की स्थापना असम की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी एआईयूडीएफ के लोक सभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने की थी। लोकसभा की वेबसाइट पर अजमल के दिए परिचय में कहा गया है कि इन बाल गृहों में 1,010 बच्चे हैं। वहीं, आयोग के निरीक्षण दल ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक वहां केवल 778 बच्चे ही रह रहें हैं। आयोग बच्चों की संख्या में 300 के अंतर से परेशान है। इसके साथ ही आयोग को मिली जानकारी के मुताबिक इन बाल गृहों को तुर्की के कुछ एनजीओ भी फंडिंग दे रहे हैं।

हमने अक्सर देखा है कि इस तरह के बाल गृहों के जरिए बच्चों से गलत और आपराधिक काम करवाए जाते हैं। बच्चों को सुविधाएं देने का हवाला देकर कुछ कट्टरपंथी लोग बच्चों को प्रताड़ित करते हैं। अलकायदा का नाम आने पर इस मामले में आतंकी गतिविधियों का संदेह होना भी लाज़मी हो गया है जो कि लोगों की मुसीबत का सबब हो सकता है। वहीं, एआईयूडीएफ के नेता का इससे जुड़ा होना और भी संदिग्ध घटना है।

ऐसा देखा गया है कि एआईयूडीएफ के नेता बदरुद्दीन अजमल कई बार कुछ कट्टरपंथियों को खुश करने और वोटों की राजनीति में ऐसी बयानबाजी करने लगते हैं जिसका सीधा नुकसान देश को होता है। इसलिए इन बाल गृहों का अलकायदा से संबंध और उनसे भी संबंध जुड़ना उनके लिए मुसीबत बन सकता है क्योंकि अब बदरुद्दीन अजमल केंद्र की सभी जांच एजेंसियों समेत एनसीपीसीआर के रडार में भी आ चुके हैं।

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