कर्ज में डूबे अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस की बिक्री प्रक्रिया चल रही है, इसके लिये 5 कंपनियों ने बोली लगाई है, जिन कंपनियों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है, उनमें एसेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनी इंडिया लिमिटेड तथा ऑथम इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रा लिमिटेड शामिल है।
कर्ज में दबी है कंपनी
दरअसल कर्ज के बोझ में दबे रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी रिलायंस होम कैपिटल के संपत्तियों की बिक्री होने वाली है, ऐसे में इन कंपनियों ने कुल या कुछ संपत्तियों के लिये बोली लगायी है, इसी साल अगस्त में रिलायंस होम फाइनेंस के लिये एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाई गई थी, इसके जरिये ये भी पता चलता है कि कौन सी कंपनी बोली लगाने को इच्छुक है, इसी के बाद बोली लगाने की प्रक्रिया शुरु होती है।
दरअसल कर्ज के बोझ में दबे रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी रिलायंस होम कैपिटल के संपत्तियों की बिक्री होने वाली है, ऐसे में इन कंपनियों ने कुल या कुछ संपत्तियों के लिये बोली लगायी है, इसी साल अगस्त में रिलायंस होम फाइनेंस के लिये एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाई गई थी, इसके जरिये ये भी पता चलता है कि कौन सी कंपनी बोली लगाने को इच्छुक है, इसी के बाद बोली लगाने की प्रक्रिया शुरु होती है।
क्यों बिक रही है कंपनी
रिलायंस होम फाइनेंस पर कर्ज का बोझ है, कंपनी के इस स्थिति में पहुंचने की बड़ी वजह इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड है, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के अंत में कंपनी का 7729 करोड़ रुपये बकाया था, इसमें 4778 करोड़ रुपये का एनपीए शामिल है, रिलायंस कैपिटल की बात करें, तो 31 अक्टूबर तक कर्ज करीब 20 हजार करोड़ रुपये का था।
रिलायंस होम फाइनेंस पर कर्ज का बोझ है, कंपनी के इस स्थिति में पहुंचने की बड़ी वजह इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड है, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के अंत में कंपनी का 7729 करोड़ रुपये बकाया था, इसमें 4778 करोड़ रुपये का एनपीए शामिल है, रिलायंस कैपिटल की बात करें, तो 31 अक्टूबर तक कर्ज करीब 20 हजार करोड़ रुपये का था।
मुकेश अंबानी ने की थी मदद
आपको बता दें कि हाल ही में अनिल अंबानी के टेलीकॉम कारोबार रिलायंस इंफ्राटेल के अधिग्रहण को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने मंजूरी दी है, रिलायंस इंफ्राटेल के संपत्ति का अधिग्रहण मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो करेगी, रिलायंस इंफ्राटेल के देशभर में 43 हजार टावर तथा 1 लाख 72 हजार किमी की फाइबर लाइन है, जिसके जरिये कर्जदाता करीब 4 हजार करोड़ रुपये की रिकवरी कर सकेंगे।
आपको बता दें कि हाल ही में अनिल अंबानी के टेलीकॉम कारोबार रिलायंस इंफ्राटेल के अधिग्रहण को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने मंजूरी दी है, रिलायंस इंफ्राटेल के संपत्ति का अधिग्रहण मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो करेगी, रिलायंस इंफ्राटेल के देशभर में 43 हजार टावर तथा 1 लाख 72 हजार किमी की फाइबर लाइन है, जिसके जरिये कर्जदाता करीब 4 हजार करोड़ रुपये की रिकवरी कर सकेंगे।
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