अवॉर्ड वापसी 2.0- किसान आंदोलन के राजनीतिकरण में विपक्ष की अवॉर्ड वापसी गैंग तैयार है

 


पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन को देखते हुए एक बार फिर अवॉर्ड वापसी गैंग एक्टिव हो गया है। किसानों के समर्थन में अब 30 पूर्व खिलाड़ी भी उतर आए हैं। इन खिलाड़ियों ने किसानों की मांगों को जायज बताते हुए सरकार के रुख को गलत बताया है, और उनके ऊपर हुए बल प्रयोग पर आपत्ति जाहिर की है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि किसानों के साथ हुए इस गलत व्यवहार से वो बेहद आहत हैं, इसलिए वे अपने सभी पदक राष्ट्रपति को वापस करेंगे।

दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए किसानों के आंदोलन पर सरकार की कार्रवाई को लेकर पंजाब के पूर्व खिलाड़ियों ने भी विरोध जताते हुए किसानों का समर्थन किया है। अब आंदोलन के नाम पर अराजकता फ़ैलाने वाले किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अलगाववादियों का समर्थन मिलने के बाद पूर्व खिलाड़ियों का भी समर्थन मिल गया है। इनमें पद्म श्री और अर्जुन अवार्ड पाने वाले खिलाड़ी भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय अवार्ड पाने वाले खिलाड़ियों ने अवार्ड वापसी का ऐलान कर दिया है। खबरों के मुताबिक पूर्व भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार विजेता सज्जन सिंह चीमा, पंजाब में साथी अर्जुन और पद्म पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों से संपर्क में हैं, ताकि वे किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में रैली कर सकें और राष्ट्रपति को अपने पुरस्कार लौटा सकें। सज्जन सिंह चीमा को 30 से अधिक पूर्व ओलंपिक और अन्य प्रतियोगिताओं में पदक हासिल करने वाले पूर्व खिलाड़ियों का समर्थन मिला है। इसमें भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे गुरमेल सिंह और सुरिंदर सिंह सोढ़ी भी शामिल हैं।

अवार्ड वापसी वाले खिलाड़ियों के नेतृत्वकर्ता सज्जन सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बुरा बर्ताव कर रही है। उनके ऊपर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़ना गलत है। किसान अनाज उगाते हैं, वो हम खिलाड़ियों का भी पोषण करते हैं, और उनके साथ ऐसा व्यवहार जायज नहीं है। इसलिए किसानों के समर्थन में वो और उनके साथी अवार्ड वापस करेंगे, और इसके जरिए वो किसानों को अपना समर्थन देंगे। चीमा लंबे वक्त से कोविड-19 चलते आईसीयू पर थे। उन्होंने कहा,

“मुझे पिछले महीने कोविड-19 हुआ था। मैं अभी ICU से बाहर आया हूं और आशा करता हूं कि पुरस्कार लौटाने वालों के साथ जुड़ने के लिए समय पर ठीक हो जाऊंगा, और किसानों के लिए ये कृषि कानून अच्छा नहीं है”।

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के नाम पर किसानों ने पिछले 6 दिन में दिल्ली एनसीआर में अराजकता मचा दी है। उन्हें खालिस्तानी समर्थकों से लेकर भ्रम फ़ैलाने वाले कांग्रेस जैसे विपक्ष का समर्थन मिल रहा है। वहीं, तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग भी इन किसानों के अराजक आंदोलन को अपना समर्थन दे चुके हैं। ऐसे में विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम के बीच अब इन पूर्व खिलाड़ियों ने भी अवार्ड वापसी की बात करके किसानों के आंदोलन को और अधिक निचले स्तर पर ले जाने का रास्ता साफ कर दिया है जो अंत में उन्हें ही शर्मसार करेगा।

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