डॉक्टर्स पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, 10 साल तक नहीं की सरकारी नौकरी, तो देना होगा इतना बड़ा जुर्माना


 उत्तर प्रदेश (UP) के सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए राज्य की योगी सरकार (Yogi Government) ने अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के फैसले के मुताबिक, अगर डॉक्टरों ने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद सरकारी अस्पतालों में 10 साल तक काम नहीं किया तो उन्होंने भारी जुर्माना देना होगा। ये जुर्माना लाख दो लाख का नहीं होगा बल्कि एक करोड़ रुपए का जुर्माना होगा। योगी सरकार ने शनिवार को ये फैसला सुनाया। ये फैसला कोरोना महामारी से लड़ने के लिए उठाया गया, ताकि कोरोना से लड़ने के लिए सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर्स मौजूद हैं।

सरकार के फैसले के मुताबिक, पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के ठीक बाद ही आपको सरकारी अस्पतालों में सेवा देना होगा। सभी डॉक्टर्स को कुल 10 साल तक सेवा देना होगा। अगर इस बीच डॉक्टर्स नौकरी छोड़ते हैं तो उन्हें 1 करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा। वहीं, अगर कोई छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देता है और फिर बाद में उसे पूरा करने की कोशिश करता है तो उसका दाखिला दोबारा नहीं लिया जाएगा।

सरकार ने ये अहम फैसला सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए किया। इस वक्त उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर्स की खासा कमी देखने को मिली। इस कमी को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने NEET में भी छूट कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक साल नौकरी करने वाले MBBS डॉक्टरों को NEET में 10 अंकों की छूट दी गई है। वहीं, 2 साल सेवा देने पर 20 अंक, जबकि 3 साल सेवा देने पर 30 अंकों की छूट दी गई है। यही नहीं, अब डॉक्टर्स पीजी के साथ डिप्लोमा भी एक साथ कर सकते हैं।

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