Vaccine War में भारत अब रूस के साथ मिलकर चीन को बर्बाद करेगा

 


Corona War के साथ-साथ दुनियाभर में Vaccine War भी देखने को मिल रही है, जहां रूसी और चीनी सरकार एक दूसरे के आमने सामने खड़ी दिखाई दे रही हैं। चीन अपनी Vaccine को प्रमोट करने के लिए WHO का सहारा ले रहा है, तो वहीं अब अपनी Sputnik वैक्सीन को बढ़ावा देने के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के साथ साझेदारी बढ़ाने का ऐलान किया है। पुतिन ने कहा है कि जल्द ही Sputnik वैक्सीन का भारत और रूस में उत्पादन शुरू किया जा सकता है। दुनियाभर में बढ़ रही चीन विरोधी मानसिकता के बीच पहले ही कई देश चीनी वैक्सीन के ट्रायल्स को अपने यहाँ बर्खास्त कर चुके हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा रूसी वैक्सीन के समर्थन के बाद रूस को इस Vaccine War में चीन के खिलाफ बढ़त मिलना तय है।

बता दें कि भू-राजनीतिक विवाद और अन्य तनावों के चलते बांग्लादेश, कनाडा और ब्राज़ील जैसे देश चीनी वैक्सीन से मुंह मोड चुके हैं। इधर भारत और रूस दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य एशिया में अपनी-अपनी वैक्सीन को प्रोमोट करने में लगे हैं। अब जब रूसी वैक्सीन को लेकर भारत और रूस ने हाथ मिलाया है, तो यह कहा जा सकता है कि विश्वभर में रूसी वैक्सीन की मान्यता बढ़ सकती है। रूसी वैक्सीन की विश्वसनीयता बढ़ाने में भारत की सॉफ्ट पावर भी एक अहम भूमिका निभा सकती है। मेडिकल क्षेत्र में भारत आज एक सुपरपावर बन चुका है, जबकि दूसरी ओर चीन अपने यहाँ भयावह और जानलेवा मेडिकल ट्रायल्स के लिए बदनाम है। वैक्सीन के मुद्दे पर बेशक दुनिया चीन को छोड़कर भारत का अनुसरण करना चाहेगी, और रूस इसी बात का फायदा उठाना चाहता है।

Sputnik-V सिर्फ एक वैक्सीन नहीं है, बल्कि इसके जरिये रूस दुनिया में अपने प्रभुत्व को वापस कायम करना चाहता है, और खासकर मध्य एशिया और अफ्रीकी देशों में! मध्य एशिया और अफ्रीका में चीनी प्रभाव बेहद ज़्यादा है और इसीलिए चीन खुद रूसी वैक्सीन को नकारने में अपनी बड़ी भूमिका निभा चुका है। सितंबर महीने में अपनी एक रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि कैसे चीन के पिछलग्गू WHO ने यह कहकर रूसी वैक्सीन को नकार दिया था कि इसके निर्माण में पारदर्शिता नहीं बरती गयी है। हालांकि, अब जब खुद भारत इस वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है, तो इससे स्पष्ट हो गया है कि अब भारत सरकार खुलकर Sputnik V के समर्थन में आ चुकी है।

सिर्फ Sputnik V ही नहीं, बल्कि किसी भी वैक्सीन को भारत सरकार का समर्थन मिलना उसे बेहद महत्वपूर्ण बना देता है। जब बात दुनियाभर में Corona वैक्सीन की सप्लाई की आती है, तो सब देशों के ज़हन में भारत का नाम ही सबसे ऊपर आता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत के पास बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन करने का infrastructure मौजूद है। इस प्रकार भारत वैश्विक कोरोना वैक्सीन सप्लाई चेन के केंद्र में आ जाता है और किसी भी वैक्सीन को लेकर भारत सरकार का रुख ही उसकी सफलता को तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगा!

चीन-रूस की कोरोना जंग में पुतिन और मोदी की जोड़ी चीन के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। अभी वैक्सीन का निर्माण शुरू नहीं हुआ है लेकिन भारत पहले ही वैक्सीन डिप्लोमेसी में चीन को पछाड़ता नज़र आ रहा है। इस वैक्सीन के जरिये भारत और रूस को ना सिर्फ आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि रणनीतिक और कूटनीतिक और लाभ भी प्राप्त होगा। Clinical Trails के क्षेत्र में चीन का विवादित इतिहास और चीन की घटती विश्वसनीयता एक तरफ़, और भारत की उन्नत मेडिकल तकनीक और प्रभावशाली सॉफ्ट पावर एक तरफ़, भारत यह लड़ाई बिना लड़े ही जीतता दिखाई दे रहा है।

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