नीतीश कुमार ने सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ले ली है, उनके साथ 15 अन्य मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है । जिन लोगों को मंत्रीपद से नवाजा गया है उनमें शीला कुमारी का नाम खास तौर पर लिया जा रहा है । शीला कुमारी पहली बार विधायक बनीं हैं और विधायक बनते ही नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बना दिया है । आगे, जानिए कौन हैं ये शीला कुमारी मंडल ।
फुलपरास सीट से चुनीं गईं विधायक
शीला कुमारी मंडल मधुबनी जिले के फुलपरास सीट से जदयू की विधायक चुनी गई हैं। नीतीश कुमार ने उन्हें 2 बार की सीटिंग विधायक गुलजार देवी का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया था । हालांकि शीला कुमारी के खिलाफ चुनावी मैदान में जेडीयू विधायक भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरीं थीं । लेकिन शीला मंडल नीतीश कुमार के भरोसे को बरकरार रखते हुए ये सीट जीत गईं और पहली बार विधानसभा तक पहुंचीं।
पिछड़ी जाति का करती हैं प्रतिनिधित्व
शीला कुमारी मंडल अतिपिछड़ी जाति से आती हैं। उनके पति शैलेंद्र कुमार इंजीनियर हैं। दोनों की शादी साल 1991 में हुई थी। शीला और शैलेंद्र को एक बेटा और एक बेटी है। इतना ही नहीं शीला कुमारी के चचेरे ससुर धनिक लाल मंडल भी फुलपरास से विधायक रहे । वह बिहार विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं । देश में आपातकाल के बाद जब 1977 में आम चुनाव हुए तो धनिक लाल मंडल झंझारपुर से सांसद बने, उन्हें मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया गया । धनिक लाल मंडल 1990 से 1995 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रहे।
पढ़ी लिखीं मंत्री
शीला मंडल पोस्ट ग्रेजुएट हैं और कविताएं लिखना उनके शौक में शुमार है। जनता के बीच अपनी बातों से वो विश्वास बनाने में कामयाब हुई हें । शीला मंडल के जेठ और धनिक लाल मंडल के बेटे भारत भूषण मंडल लौकहा से राजद के टिकट पर विधायक बने हैं।
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