दिल्ली में अब भारी पड़ेगा मास्क नहीं लगाना, HC की फटकार के बाद केजरीवाल सरकार का सख्त रूख

 

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली सरकार के शिथिल रवैये पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कई ऐसे सवाल पूछे हैं, जिसका जवाब देना भी सरकार को भारी पड़ गया, लेकिन अब हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार फुल फॉर्म में नजर आ रही है। सबसे पहले दिल्ली सरकार ने मुंह पर मास्क नहींं पहनने वालों के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार किया है। उन सभी लोगों के खिलाफ जो मुंह पर मास्क नहीं लगा रहे है। उन्हें पहले  महज 500 रूपए का जुर्माना देना पड़ता था, लेकिन हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब  केजरीवाल सरकार ने  जुर्माने की राशि  को बढ़ाकर 2 हजार रूपए कर दिया है। गौरतलब है कि सरकार ने यह कदम  ऐसे समय में उठाया है,  जब लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

इससे पहले  हाईकोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि जुर्माने की यह राशि कम है। दिल्ली में लगातार केस बढ़ रहे हैं, लिहाजा लोग नियमों की संजीदगी बरतते हुए इसके लिए जुर्माने की राशि को बढ़ाना होगा, लिहाजा अब कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। उधर , शादी में आने वाले मेहमानों को लेकर भी दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई है। बता दें कि  इससे पहले अपने पूर्व के फैसले को बदलते हुए सरकार  ने शादी में मेहमानों की संख्या को 50 से बढ़ाकर 200 कर दिया था, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे फिर 50 मेहमानों पर लाने के लिए कहा था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इस फैसले को लेने में 18 दिन की देरी कर दी , जिस पर आज कोर्ट ने सख्त रूख अख्तियार किया है। अब सरकार ने फिर से अपने पुराने फैसले को बहाल कर दिया है।  अब दिल्ली  में शादी में महज 50 मेहमान ही शिरकत कर सकते हैं।  बता दें कि यह फैसला इसलिए इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि आने वाले दिनों  मेंं शादी विवाह आने  वाले हैं।

  कैसी है, दिल्ली में कोरोना की स्थिति?  
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना की दर इस तेजी से बढ़ रही है कि अब बेड के घटने की संभावना भी जताई जा रही है। उधर, संजीदा हो रही स्थिति को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली सरकार ने बेड  के लिए मदद मांगी थी, जिसके बाद  केंद्र सरकार ने  दिल्ली सरकार को 700 से  भी अधिक बेड देने का फैसला किया है। वर्तमान में दिल्ली सरकार के पास 16 हजार बैड है, जिसमें से 50 फीसद मौजूदा समय में खाली है। अब ऐसे में अगर आगामी समय में स्थिति बिगड़ती है तो फिर  इसका सामना करने के लिए दिल्ली सरकार अपने तमाम उपकरणों को दुरूस्त कर लेना चाहती है।  

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