हैदराबाद में त्रिकोणीय मुकाबला बीजेपी की जीत सुनिश्चित करेगा

 


हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को एक करारा झटका लगा, जब AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने स्पष्ट किया कि ग्रेटर हैदराबाद के निकाय चुनाव वह अकेले ही लड़ेंगे। उनके अनुसार ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां टीआरएस AIMIM से प्रतिस्पर्धा कर रही है, और ऐसे में दोनों का साथ आना श्रेयस्कर नहीं होगा। इसका मतलब है कि अब तेलंगाना के ग्रेटर हैदराबाद निकाय चुनाव में मुकाबला तीन तरफा होगा, जिसका सर्वाधिक फायदा भाजपा को मिलेगा।

किसी भी क्षेत्र में जब मुकाबला तीन तरफा या उससे अधिक होता है, तब भाजपा को इस बात का सबसे ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि विपक्षी वोट बैंक कई हिस्सों में बंट जाता है। इस समय तेलंगाना राष्ट्र समिति ग्रेटर हैदराबाद नगर महापालिका में 150 में से 99 सीट सहित सत्ता पर कब्जा जमाए हुए हैं, और दूसरी तरफ AIMIM को 44 सीटें मिली है। लेकिन जिस प्रकार से भाजपा तेजी से उभरकर सामने आ रही है, उससे एक बात तो स्पष्ट है कि इस पार्टी का जनाधार पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूती से बढ़ रहा है।

भाजपा कितनी लोकप्रिय है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि किस प्रकार से प्रख्यात अभिनेता और जन सेना पार्टी अध्यक्ष पवन कल्याण ने भाजपा को शत प्रतिशत समर्थन देने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार, “बिहार और दुब्बक [तेलंगाना के उपचुनाव वाली सीट] में भाजपा की विजय से स्पष्ट होता है कि देश के कोने-कोने में लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व चाहिए। मैं आशा करता हूँ कि उनके नेतृत्व में हैदराबाद एक समृद्ध और विकसित शहर के रूप में उभरके सामने आए, और मैं सहृदय प्रार्थना करूंगा कि एक भाजपा उम्मीदवार ही हैदराबाद का मेयर बने”।

बता दें की अभिनेता पवन कल्याण 2014 में स्थापित जन सेना पार्टी के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना हर तेलुगु भाषी व्यक्ति के मुद्दों और उनके अधिकारों के लिए लड़ने के उद्देश्य से हुई थी। तेलुगु फिल्म उद्योग में बेहद प्रसिद्ध होने के अलावा पवन कल्याण उन चंद लोगों में भी शामिल है, जिन्होंने जगन मोहन रेड्डी की सरकार के अंतर्गत हिन्दू मंदिरों की लूट के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई।

अब ग्रेटर हैदराबाद अथवा हैदराबाद के पुरातन क्षेत्र में अधिकांश लोग मुसलमान हैं, और यहीं पर ओवैसी भाइयों का गढ़ भी है, जिनके नेतृत्व में कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा मिलता है। चूंकि केसीआर पहले ही ओवैसी की चाटुकारिता करते हैं, इसलिए इस समय यदि कोई हिंदुओं और अन्य गैर मुस्लिमों के लिए लड़ सकता है, तो वो केवल भाजपा है, जिसका जनाधार पिछले दो वर्षों में जबरदस्त तरीके से बढ़ा है।

कुछ ही दिनों पहले GHMC के पूर्व मेयर और पूर्व कांग्रेस नेता कार्तिका रेड्डी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। 2014 तक इस क्षेत्र में काँग्रेस का वर्चस्व था, लेकिन 2016 आते आते उसकी ब हालत भाजपा से भी बेकार थी, जिसने 2016 के चुनाव में 4 सीटें प्राप्त की थी।

ग्रेटर हैदराबाद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 के आम चुनावों में भाजपा इस क्षेत्र में दूसरी सबसे ज्यादा सीटें जीतनी वाली पार्टी बनी, और सिकंदराबाद की सीट पर भी कब्जा जमाया। भाजपा ने 17 में से 4 सीटों पर विजय प्राप्त कर तेलंगाना राज्य में न केवल अपनी धाक जमाई, बल्कि मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा भी प्राप्त किया। ऐसे में जिस प्रकार से GHMC के चुनाव में मोर्चा तीन तरफ हो रहा है, उससे न केवल भाजपा को जबरदस्त फायदा होगा, बल्कि 2023 आते आते तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस को अपनी कुर्सी बचाने के भी लाले पड़ जाएंगे।

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