धनतेरस से पहले आज करें पुष्य नक्षत्र में खरीदारी, कभी जेब नहीं रहेगी खाली

 

Pushya Nakshatra

धनतेरस (Dhanteras) से पहले पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2020) 7 नवंबर यानी आज शनिवार की सुबह 08 बजकर 03 मिनट से शुरू होकर रविवार को सुबह 08 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। शनि इस पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं और आज शनिवार है यानी शनि देव का दिन जिसके कारण आज ‘अद्भुत योग’ का निर्माण हो रहा है। इस नक्षत्र में प्रॉपर्टी, ज्वैलरी, गाड़ियों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। संहिता ज्योतिष के अनुसार सभी सत्ताईस नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र सर्वोपरि है। जबकि अभिजीत मुहूर्त को भगवन विष्णु के ‘सुदर्शनचक्र’ के समान शक्तिशाली बताया गया है।

ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है कि इस नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति महान कर्म करने वाला, बलवान, कृपालु, धार्मिक, धनी, विविध कलाओं का ज्ञाता, दयालु और सत्यवादी होता है। लेकिन महिलाओं के लिए इस नक्षत्र को सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना गया है। इस नक्षत्र में जन्मी कन्याएं अपने कुल-खानदान का नाम रौशन करती हैं। कहा जाता है कि- देवधर्म धनैर्युक्तः पुत्रयुक्तो विचक्षणः। पुष्ये च जायते लोकः शांतात्मा शुभगः सुखी। अर्थात- जिस कन्या की उत्पत्ति पुष्य नक्षत्र में होती है वह शौभाग्य शालिनी, धर्म में रूचिरखने वाली, धन-धान्य एवं पुत्रों से युक्त सौन्दर्य से परिपूर्ण और पतिव्रता मानी जाती है।

बता दें कि यह नक्षत्र हर सत्ताईसवें दिन पर आता है लेकिन हर बार रविवार ही पड़े ये सम्भव नही हैं। इसी कारण इस नक्षत्र के दिन गुरु एवं सूर्य की होरा में भी किसी कार्य की शुरुआत करके गुरुपुष्य और रविपुष्य जैसा परिणाम प्राप्त किया जा सकता हैं। शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र को ‘तिष्य’कहा गया है। ‘तिष्य’ का अर्थ होता है श्रेष्ठ एवं सबसे मंगलकारी। तैत्रीय ब्राह्मण में कहा गया है कि, बृहस्पतिं प्रथमं जायमानः तिष्यं नक्षत्रं अभिसं बभूव। बृहस्पति भी इस नक्षत्र में जन्म लिए थे। इसी कारण बृहस्पति ग्रह जनित कार्यों जैसे मंत्र दीक्षा, धार्मिक ग्रंथों का दान करना, लेखन, पठन पाठन, संपादन, यज्ञ अनुष्ठान आदि इसी नक्षत्र में शुरू करना भी श्रेष्ठ फलदाई होते है।

इस नक्षत्र में सोने चांदी की खरीदारी करना बेहद शुभ फलदायक होता है। सोने से निर्मित वस्तुओं का दान करना अथवा मांगलिक कार्यों के लिए आभूषण आदि का क्रय करना हो तो उस दृष्टि से भी यह संयोग मंगलकारी होता है। इसी कारण आपने देखा होगा कि इस नक्षत्र के शुरू होते ही आभूषणों की दुकानों में खरीदारों की भीड़ लग जाती है।

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