प्रदूषण की वजह से खतरे में इन जीवों का जीवन, अब ढूंढ रहे हैं नया ठिकाना

 

कल तक महज भारत में अपना कहर बरपाने वाला प्रदूषण अब समस्त विश्व को अपनी चपेट में लेने पर अमादा हो चुका है। प्रदूषण की वजह से अब आम जनजीवन खतरे में आ चुका है। इसका सीधा असर अब परिस्थितंत्रक तंत्र पड़ रहा है। इससे भी ज्यादा भयावह स्थिति यह है कि प्रदूषण का कहर  महज  इंसान ही नहीं बल्कि जीव जंतु पर भी नजर आ रहा है। यह जानकारी रूस के वैज्ञानिकों ने दी है, जहा वॉलरस  नामक जंतु अब खरते में आ चुके हैं। इनके अस्तित्व पर अब खतरा मंडरा रहा है। वजह बना है,  प्रदूषण का कहर। इस संदर्भ में रूस के वैज्ञानिकों  ने तस्वीर भी साझा कर इसकी जानकारी दी है। 

बेदह ठंडे और बर्फीले इलाके में रहने वाले ये वॉलरस आज प्रदूषण की कहर की वजह से बेघर हो चुके हैं। इनके  लिए अब  जिंदगी  जीना मुहाल बन चुका है। प्रदूषण के कहर की वजह से करीब 3 हजार वॉलरस  बेघर हो चुके हैं। अब यह अपने  लिए आशियाना  तलाश रहे हैं, मगर अभी-भी यह जीव जंतू प्रजनन में व्यस्त हो चुके हैं। यह  जीव अब 600 किमी दूर  तट पर  आ चुके  हैं। इस  संदर्भ में  विस्तृत जानकारी देते हुए  एलेक्जेंडर सोकोलोव कहते हैं  कि यह  जीवों  का अद्धभद  नजारा कहा  जाता था, मगर प्रदूषण की कहर की वजह से अब  इन जीवों का वजूद  खतरे में आ चुका है। इन जीवों के शिकार पर अंतरराष्ट्रीय  स्तर पर प्रतिबंध लगाया  हुआ है,  लेकिन  खबरों की मानें तो अभी-भी इनका चोरी छिपे शिकार चल रहा है। इनके दांत का अवैध कारोबार भी चल रहा है।

वैज्ञानिक कहते हैं कि  यह जीव अध्ययन करने हेतु खुली प्रयोगशाला के  समान है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर ने साल 2016 में वॉलरस जीवों को लगभग लुप्तप्राय की सूची में डाला था। दुनिया भर  में इसकी  आबादी करीब 12,500 बताई जाती है। इससे पहले भी  इनके वजूद पर खतरे के बादल  मंडराते रहे हैं,  लेकिन अब प्रदूषण का कहर सीधा   इनके वजूद पर खतरा पैदा कर रहा है। फिलहाल , अब इनको  बचाने की कोशिश जारी है,   मगर अब तो यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि इनकी कोशिश  कहां तक सफल रहती है।

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