पहली बार अपनी भद्द पिटवाने के बाद केजरीवाल ने फिर से शुरू की खालिस्तान की राजनीति

 


राजनीति को बदलने की बात करके कोई नेता राजनीति में आए और वो ऐसे काम करने लगे कि देश की संप्रभुता को नुक़सान हो, तो ये एक बेहद ही खौफनाक बात होती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कुछ ऐसी ही राह पर निकल पड़े हैं। पंजाब में विधानसभा चुनावों के दौरान उन्हें कई खालिस्तानी समर्थकों के साथ देखा गया था। अब वही केजरीवाल दिल्ली में किसान आंदोलन के नाम पर घुस आए पंजाब के कई खालिस्तानी समर्थकों और किसानों के बचाव में एक बार फिर उतर आए हैं। उनके नेता इन लोगों की भोजन तक की मदद कर रहे हैं और सुविधाओं का ख्याल रख रहे हैं, जो दिखाता है कि इन खालिस्तानियों से केजरीवाल को कितना अधिक प्रेम है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहें हैं। उन्होंने किसानों के रवैए पर पुलिस की कार्रवाई को गलत बताया है। केजरीवाल ने किसानों के कृषि कानून के खिलाफ हो रहे विरोध को सही बताया है। वहीं दिल्ली में उनका स्वागत किया है। आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री उनका स्वागत ऐसे कर रहे हैं जैसे कि वे किसान कोई मेहमान हो। बुराड़ी में निरंकारी मैदान में किसानों को धरने की अनुमति मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के लोग वहां सुरक्षा व्यवस्था से लेकर सुविधाओं का जायजा लेने पहुंच गए। यही नहीं, आप के कई पार्षद दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे किसानों को भोजन तक बांट रहे हैं, जो देखने में तो काफी सकारात्मक लगता है लेकिन ये उतना सकारात्मक है नहीं।

जब किसानों का आंदोलन उग्र हुआ था तो देश के गृहमंत्रालय की तरफ से दिल्ली सरकार से यह मांग की गई थी कि वह दिल्ली के स्टेडियमों को इन किसानों के लिए अस्थाई जेल बनाने के लिए खोलें। उस वक्त दिल्ली सरकार ने इस मांग को यह कह कर ठुकरा दिया था कि विरोध करना किसानों का हक है और वह इन विरोध करने वाले किसानों को जेल में डालने की इजाजत नहीं दे सकते। दिल्ली सरकार ने पंजाब से आ रहे हैं उन किसानों का दिल्ली में स्वागत किया था।

ऐसा पहली बार नहीं है कि पंजाब के लोगों को लेकर दिल्ली सरकार का रुख नरम रहा हो। पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ती है, इसलिए पंजाब के लोगों के साथ आम आदमी पार्टी की राजनीतिक व्यवहार ही करती है। इसी आम आदमी पार्टी ने एक वक्त पंजाब के विधानसभा चुनावों के दौरान खालिस्तानी आतंकवादियों से मुलाकात की थी। जिनके नाम गुरुदयाल सिंह, सतविंदर सिंह और जगरूप सिंह था। रिपब्लिक टीवी नेटवर्क ने स्टिंग ऑपरेशन भी किया था जिससे खालसा दल के इन लीडर्स की केजरीवाल से मुलाकात का खुलासा हुआ था।

उस स्टिंग ऑपरेशन से हुए खुलासे में सामने आया था कि केजरीवाल की पार्टी को इन आतंकवादी संगठनों ने फंडिंग दी थी, जिसके बदले केजरीवाल ने इन आतंकियों को यह वादा किया था कि वह खालिस्तानी आतंकवादियों को दिल्ली सरकार के उच्च पदों पर पहुंचाएंगे। केजरीवाल ने खालिस्तान एक अलग देश बनने के इन आतंकवादियों की मांग का भी समर्थन किया था जो कि भारत की संप्रभुता को लेकर एक आश्चर्यचकित करने वाला फैसला था।

कुछ ऐसा ही अरविंद केजरीवाल अब किसान आंदोलन के दौरान भी कर रहे हैं हम आपको अपनी रिपोर्ट में पहले ही बता चुके हैं कि किस तरह से कुछ खालिस्तानी आतंकवादियों ने किसानों के नाम पर हो रहे आंदोलन को अपने लिए इस्तेमाल करने की चाल चली है। यह लोग खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले के पोस्टरों के साथ नजर आ रहे हैं। इंदिरा गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ठोकने की बात करने हैं जो दिखाता है कि असल में यह अराजकता फैला रहे हैं।

दिलचस्प बात है कि ऐसे अराजकता फैलाने वाले लोगों का एक बार फिर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समर्थन कर रहे हैं। पहले एक बार खालिस्तान के मसले पर उनकी काफी भद्द पिट चुकी है, इसके बावजूद वह इस मसले पर दोबारा खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ खड़े होकर अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। वहीं उनका जो खालिस्तानी आतंकवादियों के प्रति प्रेम है वो एक बार फिर उजागर हो गया है जो कि शर्मनाक है।

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