
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बैकुंठ चतुर्दशी 28 नवंबर यानी की शनिवार को मनाई जाएगी। पंचांग के मुताबिक, बैकुंठ चतुर्दशी हर वर्ष कार्तिक मास में मनाई जाती है।

शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बैकुंठ चतुर्दशी 28 नवंबर को मनाई जाएगी। चतुर्दशी की शुरुआत 28 नवंबर सुबह 10 बजकर 22 मिनट पर होगी और ये अगले दिन तक जारी रहेगी। इसका समापन 29 नवंबर को दोपहर के बाद ही होगी। वहीं, बैकुंठ चतुर्दशी का निशिथ काल रात 11 बजकर 42 मिनट से लेकर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।इस दिन पूजा और व्रत करने वाले भक्त भगवान विष्णु का सिमरन करते है। सुबह-सुबह भक्त सबसे पहले स्नान करते है और फिर स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करते है। इसके दौरान वह भगवान विष्णु के व्रत का संकल्प लेतें है। वहीं, शाम को 108 कमल पुष्पों के साथ विष्णु भगवान का पूजन करें। इस दौरान शिव भगवान की पूजन भी जरूर करें।
क्या है महत्व ?
हिंदी धर्म में बैकुंठ चतुर्दशी का काफी महत्व है। इसके नाम से साफ है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को बैकुंठ की प्राप्ति होती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और शिव की आवश्यक पूजा करनी चाहिए।ऐसा करने से लोगों को सभी पाप नष्ट हो जाते है। शास्त्रों में कहा गया है कि पुराणों में कहा गया है कि इसी दिन भगवान शिव ने विष्णु भगवान को सुदर्शन चक्र दिया था। कहा जाता है कि इस दिन जिस व्यक्ति का देहावसान होता है उसे सीधे स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है।
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