दो साल पहले 2018 के एक सुसाइड के लिये उकसाने के मामले में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, अर्णब के वकील ने जमानत के लिये याचिका लगाई है, बुधवार को अर्णबस को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था, इंटीरियर डिजाइनर अन्वय ने अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था कि अर्णब के साथ अन्य दो लोगों ने उनके 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है, जिससे परेशान होकर वो ऐसा कदम उठा रहे हैं।
एक और एफआईआर
अर्णब गोस्वामी पर मुंबई पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज किया है, पुलिस ने उन पर गिरफ्तारी के दौरान महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया है, इतना ही नहीं उनकी पत्नी, बेटे तथा दो अन्य लोगों के खिलाफ भी मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है, इस बीच रिपब्लिक संपादक ने पुलिस वालों पर मारपीट का आरोप लगाया है, रिपब्लिक टीवी पर दिखाये गये वीडियो में अर्णब कहते हैं कि उनके साथ प्रदीप पाटिल समेत 8 पुलिस वालों ने बदसलूकी की और मारपीट की है, उन्होने कहा कि मुझे घर से उठाकर लाया गया है, यहां तक कि मेरे पैरों में जूते भी नहीं थे, उन्होने हाथ का जख्म भी दिखाया, इस बीच अर्णब को मुंबई पुलिस की ओर से गिरफ्तारी किये जाने के बाद मीडिया जगत में खलबली मच गई है।
इंडिया टुडे ने कहा गलत
रिपब्लिक के प्रतिद्वंद्वी टीवी चैनल इंडिया टुडे ने भी अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए कहा है कि हमें उम्मीद है कि महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस सही फैसला लेगी, इंडिया टुडे के इस बयान के क्लिपिंग को चर्चित पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया है, चैनल ने कहा है कि पत्रकार कानून से ऊपर नहीं है, लेकिन सरकार भी बदले की कार्रवाई के लिये कानून का बेजा इस्तेमाल नहीं कर सकती।
हम लड़ेंगे
इससे पहले गिरफ्तारी के दौरान अलीबाग पुलिस थाने ले जाने के दौरान अर्णब गोस्वामी ने कहा था जनता जीतेगी… हम लड़ेंगे, उद्धव ठाकरे और परमवीर मेरा कुछ नहीं कर सके, वो मुझे चाहे जितना मारे, मैं जनता से अपील करता हूं आवाज उठाएं, मालूम हो कि अर्णब को सुसाइड के लिये उकसाने के केस में गिरफ्तार किया गया है, उन पर इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को खुदकुशी के लिये मजबूर करने का आरोप है।
अमित शाह का ट्वीट
अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों ने एक बार फिर से लोकतंत्र को शर्मसार किया है, केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज प्रेस की आजादी पर हमला हुआ है, आपातकाल की याद ताजा हुई, सोशल मीडिया भी अर्णब की गिरफ्तारी पर दो खेमों में बंट गई है, एक खेमा कह रहा है कि अर्णब की पत्रकारिता आपत्तिजनक है, लेकिन इस तरह गिरफ्तारी निंदनीय है, तो दूसरा खेमा अर्णब को पत्रकार ही नहीं मान रहा।
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