अभी हाल ही में पाकिस्तान ने गिलगित बाल्टिस्तान को अपने क्षेत्र का प्रांत घोषित करने का फैसला किया है। उसके इस फैसले की यहां के बाशिंदे ही विरोध कर रहे हैं। वे इसे अपना स्वायत्त क्षेत्र बता रहे हैं। यहां के बाशिंदों को ही पाकिस्तान का यह फैसला रास नहीं आ रहा है। वहीं, हर कदम पर पाकिस्तान का साथ निभाना वाले चीन ने अपने मित्र के इस कदम पर पहले तो कोई टिप्पणी करना गवारा न समझा, लेकिन जब प्रतिदिन होने वाले विदेश मंंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में उससे इस संदर्भ में सवाल किया गया तो उसने साफ कह दिया है कि इसे लेकर संबंधित रिपोर्ट पर संज्ञान लिया गया है। बस.. इतना कहकर चीन इस मसले को यहीं विराम दे गया।
वहीं जब नियमित प्रेस कांफ्रेंस में उससे यह सवाल किया गया कि आखिर कश्मीर से धारा 370 निरस्त होने पर मुखर होकर विरोध करने वाला चीन आज आखिर खामोश क्यों है? तो इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि देखिए इन दोनों ही मसलों में फर्क है। जम्मू-कश्मीर मसले का समाधान संयुक्त राष्ट्र संघ में अतंरराष्ट्रीय संधियों के तहत किया जाना है, मगर भारत ने इसे स्वत: हल कर दिया। बता दें कि जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त किया था तो चीन ने साफ कहा था कि वो कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर चिंतित है, लेकिन अब जब पाकिस्तान ने अपने जम्मू-कश्मीर के कब्जे वालें क्षेत्र गिलगित बाल्टिस्तान को अपना प्रांत बनाने जा रहा है तो चीन बेहद सधे हुए शब्दों अपनी बात कहकर बचकर निकलना चाहता है।
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