पूर्वी लद्दाख में चीन के दांत खट्टे करेगी अपग्रेड सारंग तोप, अचूक निशाने से बच नहीं पाएंगे दुश्मन

 

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा तनाव के बीच 130 एमएम सारंग तोप को मध्य प्रदेश स्थित वाहन निर्माणी जबलपुर ने अपग्रेड किया है। सारंग तोप को अब 130 एमएम से बढ़ाकर 155 एमएम करके सेना के सुपुर्द कर दिया है। अब 280 सारंग तोपों (130 एमएम) को अपग्रेड करने के लिए वाहन निर्माणी जबलपुर सौंप दिया गया है। इस अपग्रेड के बाद सांरग तोप की मारक क्षमता 28 से बढ़कर 38 किलोमीटर तक हो गई है। इसकी अचूक मारक क्षमता को देखकर सैन्य अधिकारी काफी खुश हैं। यही वजह है कि, इन तोपों को अब लदाख में तैनात करने की तैयारी चल रही है, जिससे दुश्मन देश के दांत खट्टे किये जा सके।

करीब 18 माह पहले आयुध निर्माणी बोर्ड ने पुरानी तोपों को अपग्रेड करने की जिम्मेदारी गन कैरिज फैक्ट्री और वाहन निर्माणी जबलपुर को संयुक्त रूप से दी थी। इसके बाद दोनों ने ही पुरानी तोपों को अपग्रेड करने का काम शुरू किया और पुरानी तोपों के सभी कलपुर्जो को खोलकर और बैरल बदलकर अपग्रेड किया। इसे करने के बाद अब गन कैरिज फैक्ट्री धनुष तोप (155 एमएम/45 कैलिबर) को भी और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है।

तोप को अपग्रेड करने के बाद उसकी मारक क्षमता में लगभग दस किलोमीटर का इजाफा देखने को मिला है। अपग्रेड सारंग तोप अचूक निशाना साधने में सक्षम है। जिनका वजन भी काफी कम है, जिस अब किसी भी वाहन से जोड़कर या धक्का देकर उसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।

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सारंग तोप के अपग्रेड होने के बाद रक्षा मंत्रालय से सैन्य अधिकारियों ने इसे इंजनयुक्त बनाने की जरूरत पर चर्चा भी की है। वाहन निर्माणी जबलपुर के पीआरओ का कहना है कि, आयुध निर्माणी बोर्ड के निर्देश पर 280 सारंग तोप अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है।

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