‘आत्मसम्मान होता तो रेप के बाद आत्महत्या कर लेती’, केरल काँग्रेस अध्यक्ष का शर्मनाक बयान

 

काँग्रेस एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। हाल ही में केरल काँग्रेस द्वारा राज्य सरकार के नीतियों के विरुद्ध आयोजित एक प्रदर्शन में पूर्व केंद्र मंत्री और सात बार के सांसद मुलापल्ली रामचंद्रन ने न केवल दुष्कर्म पीड़िताओं का मज़ाक उड़ाया, बल्कि उनके बारे में ओछी भाषा में बात भी की।

एम रामचंद्रन ने अपने भाषण में कहा, ‘‘कोई भी समझ सकता है कि किसी महिला के साथ जब एक बार दुष्कर्म होता है। लेकिन अगर वह बार-बार यही बात कहे तो आत्मसम्मान रखने वाली कोई महिला दुष्कर्म के बाद या तो खुदकुशी कर लेगी या फिर दोबारा यौन उत्पीड़न का शिकार नहीं होने की कोशिश करेगी।”

यह बयान एम रामचंद्रन ने उस महिला की ओर इशारा करते हुए कहा था, जो केरल के सोलर घोटाले में आरोपी है, और जिसने एक काँग्रेस नेता पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। परंतु वे वहीं पर नहीं रुके, और उन्होंने आगे कहा, “आप [सीएम] तो डूब के मर जाएंगे, लेकिन अगर आपको यह लगा कि आप एक वेश्या को सजाकर कहानियाँ सुनाएंगे, तो आप गलत हैं, क्योंकि केरल अब इन कहानियों से ऊब चुका है। हम समझते हैं जब महिला के साथ एक बार दुष्कर्म हुआ हो। कोई भी महिला, जिस में लेशमात्र भी आत्मसम्मान होगा, वह या तो शर्म से मर जाएगी, या फिर इस त्रासदी से फिर गुजरने से बचने का प्रयास करेंगी। लेकिन यदि वह चिल्लाती रहे कि उसके साथ बार बार दुष्कर्म हुआ, तो कोई कैसे स्वीकार करेगा। वरिष्ठ पुलिस अफसर मुझे बताते हैं कि कैसे आप उस महिला का इस्तेमाल कर अपनी घृणित राजनीति को अंजाम दे रहे हैं।”

जिस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री विपक्षी पार्टी की नेता को आइटम कहे, उससे और क्या ही उम्मीद की जा सकती है। फलस्वरूप केरल सरकार से लेके कई नेताओं और बुद्धिजीवियों ने एम रामचंद्रन के इस ओछे बयान की आलोचना की, जिसके चलते उन्हे माफी भी माँगनी पड़ी,  लेकिन न तो यह पहली बार हुआ है कि काँग्रेस के नेताओं ने दुष्कर्म पीड़िताओं का मज़ाक उड़ाया है, और न ही यह पहली बार हुआ है कि एम रामचंद्रन ने किसी महिला के लिए ऐसी ओछी भाषा का इस्तेमाल किया हो।

इससे पहले एम रामचंद्रन ने जून में केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को वुहान वायरस को संभालने में असफलता पर घेरने के नाम पर बड़े अभद्र तरह से बातचीत की थी। एम रामचंद्रन ने केके शैलजा को वुहान वायरस और निपाह वायरस रोकने में असफल होने के लिए कहा, “केके शैलजा वो औरत है, जो ‘कोविड रानी’ और ‘निपाह राजकुमारी’ के उपाधि पाने के लिए दिलो जान से काम कर रही है।”

परंतु काँग्रेस की यह नीच प्रवृत्ति केवल केरल तक सीमित नहीं है। यदि कमलनाथ की नौटंकी को अलग करे, तो छत्तीसगढ़ में हाल ही में दुष्कर्म के एक जघन्य अपराध पर जब स्थानीय काँग्रेस सरकार को घेरा जाने लगा, तो अपने बचाव में छत्तीसगढ़ सरकार के एक मंत्री ने उसकी तुलना हाथरस के हत्याकांड से करते हुए एक बेहद घृणित बयान दिया।

बलरामपुर के दुष्कर्म घटना को लेकर छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री शिव कुमार दहरिया ने कहा, हमारे यहां जो घटना हुईवो इस तरह की घटना नहीं है। इतनी बड़ी घटना हुई है हाथरस मेंरमन सिंह जी ट्वीट क्यों नहीं कर रहे हैंरमन सिंह जी की जुबान क्यों बंद हैउनको ये जवाब देना चाहिए कि हाथरस में जो घटना हुईक्या वो अच्छा हुआ हैउसके लिए वो ट्वीट नहीं कर रहे हैंएक छोटी घटना कोई हो गई बलरामपुर में यहांछत्तीसगढ़ में। वो सिर्फ छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना के सिवा कोई दूसरा काम नहीं कर रहे हैं?”

ऐसे में जब केरल काँग्रेस के नेता ने दुष्कर्म पीड़िता के संबंध में एक ओछा बयान दिया, तो उसके बारे में किसी को भी हैरान होने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ये केरल राज्य के 100 प्रतिशत साक्षरता का न केवल एक अहम परिचायक है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए कांग्रेस किस हद तक नीचे गिर सकती है, चाहे उसके लिए दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध का वर्गीकरण ही क्यों न करना पड़े।

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