जानिए, कैसे बिहार में अनिच्छा वाली रणनीति से बीजेपी बना सकती है अपना मुख्यमंत्री

 


बिहार में एनडीए की जीत के साथ ही अब सीएम पद को लेकर अजीबो-गरीब स्थितियां उत्पन्न होती दिख रही है। नीतीश कुमार अब अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारण सीएम नहीं बनना चाहते हैं वो चाहते है कि बीजेपी अपना सीएम बना ले। ऐसी स्थिति में बीजेपी अपना सीएम तो बनाना चाहती है लेकिन वो ये चाहती कि वो जनता की नजर में महत्वकांक्षी न लगे और वो नहीं चाहती कि जनता की नजर में उसकी कोई छवि बिगड़े। बीजेपी अपना सीएम तो बनाएगी लेकिन अनिच्छा जाहिर करते हुए नज़र आना चाहती है।

दरअसल इंडियन एक्सप्रेस की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री अब चुनाव में पार्टी के बुरे प्रदर्शन के बाद काफी दुखी हैं। ऐसी स्थिति में वो नहीं चाहते कि वो सीएम पद ग्रहण करें। पीएम मोदी को एक ट्वीट में धन्यवाद देते हुए नीतीश ने लिखा, जनता जनार्दन है उसका फैसला कबूल हैं। मै बिहार की जनता का एनडीए को पूर्म बहुमत के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगातार समर्थन के लिए उनका आभारी हूँ 

बिहार चुनावों में जेडीयू के प्रदर्शन को लेकर जेडीयू के एक नेता ने कहा नीतीश लोजपा से सबसे ज्यादा नाराज हैं। नीतीश जानते हैं कि उनकी पार्टी के नुकसान में चिराग पासवान की पार्टी का काफी बड़ा योगदान रहा है। एक नेता ने तो यहां तक कहा है कि यदि लोजपा का गेम न हुआ होता तो जेडीयू भी अच्ची सीटें लेकर आती। गौरतलब है कि नीतीश की पार्टी जेडीयू का प्रदर्शन बिहाहर चुनाव के पिछले 15 सालों के इतिहास में सबसे बुरा रहा है। वहीं इस बार गठबंधन में बीजेपी गठबंधन में सबसे बड़ी बनकर उभरी है।

बीजेपी के नेता बिहार  चुनाव के बाद कहने लगे हैं कि बिहार में अब अगला सीएम  बीजेपी का होना चाहिए और नीतीश कुमार को सीएम पद की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। ज्यादातर नेता तो अंदरखाने ही ये सारी बातें बोल रहे हैं लेकिन मुखरता के साथ नीतीश के जाने की बात केवल गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे ने ही की है। ये दोनों कहने लगे हैं कि बिहार में बीजेपी अपने दम पर गठबंधन को जिताकर लाई है, और इसलिए अब नीतीश को सीएम पद छोड़ देना चाहिए।

बीजेपी भी इस बात को अच्छे से जानती है कि जनता को अब नीतीश कुमार से कोई सरोकार नहीं है और जनता ने उसी नाराजगी के चलते बीजेपी को तो वोट दिया है लेकिन जेडीयू को नकारा है। इस पूरे गणित के बावजूद बीजेपी सीएम पद को लेकर नीतीश का ही नाम आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक का कहना है कि बिहार में अगले सीएम केवल नीतीश कुमार ही होगे।

नीतीश के सीएम पद की अस्वीकृति के बाद ये तो अब तय है कि अगला सीएम अब बीजेपी का ही होगा लेकिन बीजेपी इसको लेकर कोई ढोल नहीं पीटना चाहती है। वो चाहती है कि नीतीश सीएम बन जाएं और फिर उनके मन-मुताबिक समय पर कुर्सी छोड़े दें। बीजेपी अपना सीएम बनाने के साथ ही ये भी चाहती है कि वो जनता की नजर में महत्वाकांक्षी न लगे। महाराष्ट्र सरकार के दौरान भी बीजेपी के इसी रवैए को लेकर सवाल खड़े हो गए थे।  ऐसे में बीजेपी इस बार वो स्थिति नहीं बनने देना चाहती कि वो सीएम की कुर्सी की लालची है। इसके साथ ही बीजेपी ये भी नहीं चाहती कि कोई उस पर वादा खिलाफी का आरोप लगाए इसलिए बीजेपी ये दिखाना चाहती है कि  जेडीयू की कम सीटों के बावजूद वो वही कर रही है जो उसने चुनाव में वादा किया था।

बिहार की राजनीति में जिस तरह से बीजेपी खेल रही है वो काफी सूझ-बूझ का प्रमाण है। वो नीतीश को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट तो कर रही हैं लेकिन अंदरखाने अपने सीएम के लिए नीति बना रही है, जिससे नीतीश नाराज भी न हों और जनता के सामने उनकी छवि खराब न हो।

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