डिजिटलीकरण अभियान में हुआ फर्जी राशन कार्डों के खुलासा, इतने हज़ार कार्डों को

 

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के मकसद से अवैध और फर्जी राशन कार्डों को रद्द कर नये सिरे से बनाने के बीड़ा उठाया है, जिसके तहत सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (PDS) से करीब 43 लाख 90 हजार राशन कार्डों को रद्द कर दिया है। सरकार का मानना है कि ऐसा करने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली लाभ योग्य लाभार्थियों को मिलेगा। फर्जी राशन कार्डों के रद्द होने से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सब्सिडी वाला अनाज उन्हीं लोगों को वितरित किए जा सकेगा जो वाकई में जरूरत मंद है। इस मामले में खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि विभाग द्वारा डुप्लीकेट कार्डों को चिन्हित करने का काम तेजी से चल रहा है।

उन्होंने बताया कि साल 2013 का पहले बड़ी संख्या में फर्जी कार्ड बनाये गये थे जिन्हें अब पड़ताल करके रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी में हवाले से लिखा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम National Food Security Act) के तहत देश की कुल आबादी का लगभग दो तिहाई हिस्सा इस सरकारी योजना का लाभ उठाता है। वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्र योजना (PMGKAY) के तहत देश के करीब 80 करोड़ लोगों को हर महीने पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है। अब सरकार इस योजना को और विस्तृत करने पर विचार विमर्श कर रही है।

देश में लागू होगी ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना 

बता दें कि यह योजना इसी साल कोरोना वायरस के दौरान हुए लॉकडाउन में गरीबों में नियमित खाना उपलब्ध कराने के मकसद से शुरू की गयी थी। अधिकारी ने बताया कि राशन कार्डों के डिजिटलीकरण अभियान (Digitization Campaign) ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पारदर्शी बनाने और दक्षता में सुधार लाने में मदद की है।गौरतलब है कि केंद्र सरकार बहुत जल्द देश में ‘एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड’ की योजना लागू करने जा रही है,जिस पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस योजना के लागू हो जाने से प्रवासी मजदूरों के इसका लाभ मिलना शुरू हो जायेगा और उन्हें देश के किसी भी हिस्से में रहने पर भी सरकारी ​सब्सिडी दर पर राशन मिल सकेगा।

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