सगे चाचा, ताऊ, मामा, बुआ के बच्चों की बीच शादी गैरकानूनी, पढ़िए हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

 

हमारे देश में रिश्तों की मर्यादा है। उनकी अपनी एक सीमा है। एक बंधन है। लेकिन लगता है कि अब बदलते समय के साथ न ही लोग मर्यादा का लिहाज रख रहे हैं और न ही बंधन का। कुछ ऐसा ही मामला पंजाब से सामने आया है, जहां एक युवक अपने पिता के भाई की बेटी से शादी करना चाहता है , जो कि रिश्ते में उसकी बहन लगेगी। समाज  इस रिश्ते को कभी मान्यता नहीं देगा, मगर जैसे ही युवक इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा तो न्यायाधीश ने भी सख्त रूख दिखाते हुए साफ कह दिया है कि सगे चाचा.. ताऊ.. मामा. बुआ के बच्चों के बीच शादी गैरकानून है। इसे न देश का कानून मान्यता देता है और न ही हमारा समाज। 

याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इस याचिका में दलील दी गई थी कि लड़की जब 18 साल की हो जाएगी तो वो शादी कर लेंगे,  लेकिन न्यायाधीश ने सख्त टिप्पणी करते हुए साफ कर दिया कि इसके बाद भी यह शादी गैरकानूनी ही रहेगी। बता दें कि इस पूरे मामले में 21 वर्षीय युवक ने 18 अगस्त को लुधियाना जिले के खन्ना शहर-2 थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 363 और 366ए के तहत दर्ज मामले में अग्रिम जमानत याचिका का अनुरोध किया  था।

उधऱ, राज्य सरकार के वकील ने इस इस अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि लड़की नाबालिग है और उसके माता-पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।  बहरहाल , पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि  इस तरह रिश्तेदारी में की गई शादी कानून व समाज की दृष्टि में गैरकानूनी है। इसे न ही समाज  स्वीकार करेगा और न ही हमारा कानून।

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