अर्नब को पीटा, घसीटा और परिवारवालों के साथ बदसलूकी की: मुंबई पुलिस की शर्मनाक हरकत

 


क्या आपने कभी सुना है कि एक वरिष्ठ पत्रकार को सुबह तड़के 8 पुलिस की गाड़ियों का काफिला गिरफ्तार करने आया हो। एक आतंकवादी के साथ जिस तरह से सलूक न होता हो उससे भी बदतर तरीके से एक पत्रकार को पुलिस खींचते हुए घर से गिरफ्तार करे और गाड़ी में बैठा ले… नहीं न?  लेकिन ये हुआ है मुबंई में। मुंबई पुलिस इस दौर में क्रूरता की सारी हदों को पार कर चुकी है। रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी को सुबह तड़के इसी अकल्पनीय क्रूरता के साथ मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यही नहीं, जिस पुलिसकर्मी को इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए भेजा गया था, वो मुंबई पुलिस के जाने माने एंकाउंटर स्पेशलिस्ट हैं।  इस वाकये ने एक बार फिर मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मुंबई पुलिस द्वारा लिया गया यह एक्शन भारतीय लोकतन्त्र के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज होगा।

महा विकास अघाड़ी सरकार के नेतृत्व में महाराष्ट्र कि कानून व्यवस्था हर गुजरते दिन के साथ बदहाल होती जा रही है। अब तो मुंबई पुलिस ने अब अपनी कार्यशैली ही बदल दी है और इसी बदली कार्य प्रणाली के तहत उसके अफसर देश के अग्रणी मीडिया नेटवर्क रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ और सीईओ अर्नब गोस्वामी के घर पहुंच गए। रिपब्लिक की खबर के अनुसार अर्नब के घर पहुंचे दर्जनों पुलिस ऑफिसर्स के पास कोई अरेस्ट वारंट, कोर्ट नोटिस, समन या दस्तावेज नहीं था फिर भी उन लोगों ने अर्नब को गिरफ्तार कर लिया जो कि मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक सवाल है।


अर्नब को गिरफ्तार करने से पहले मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने रिपब्लिक के ही निरंजन नारायणस्वामी और संजय पाठक को अर्नब के घर में जाने से रोक दिया है। इस दौरान वहां अनेकों पुलिसकर्मी थे जो इन दोनों ही संपादकों को अर्नब से मिलने से रोक रहे थे। इस मामले में ये भी सामने आया कि मुंबई पुलिस महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार की पारकाष्ठा पार कर चुकी है क्योंकि अर्नब गोस्वामी की पत्नी  ने कहा, अर्नब गोस्वामी और मेरे साथ भी पुलिस ने बदतमीजी की। जब अर्नब ने उनके व्यवहार पर सवाल किया तो एक अधिकारी ने धमकी दी कि वो कुछ भी कर सकते हैं।

रिपब्लिक की रिपोर्ट बताती है कि अर्नब गोस्वामी के साथ पुलिस ने बेहद ही क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया है। अर्नब को जबरदस्ती पुलिस की गाड़ी में धकेला जा रहा था तब उन्होंने कहा, पुलिस ने मेरे साथ मारपीट भी की है और मेरे बेटे को भी मारा है।

इसे एक क्रूरता ही कहा जाएगा कि देश के वरिष्ठ पत्रकार को मुंबई पुलिस जिस तरह पुलिस स्टेशन ले गई और उनके परिजनों के साथ जो निम्न स्तर का व्यवहार किया अपने आप में एतिहासिक और चिंताजनक है। मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी कहा जाता है और उसका पुलिस प्रशासन एक खत्म हो चुके केस में पत्रकार को क्रूरता के साथ गिरफ्तार करते हुए कैमरों में कैद हुआ है।

देश के इतिहास में मुंबई पुलिस का ये अर्नब की गिरफ्तारी वाला प्रकरण काले धब्बे के रूप में दर्ज हो गया है जो कि हमेशा दुखद रूप में याद जरूर किया जाता रहेगा। अर्नब को मुबंई पुलिस तब से ही परेशान कर रही है जब अर्नब ने अपने चैनल रिपब्लिक पर पालघर में संतों की हत्या का मुद्दा उठाकर कांग्रेस अध्यक्षा को उनके असली इटैलियन नाम से बुलाया था, जिसके बाद से लगातार अर्नब ये कह रहे हैं कि उन्हें राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत ही फंसाया जा रहा है।

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