
बिहार विधानसभा में स्पीकर पद के लिये 51 साल बाद बुधवार 25 नवंबर को हुए चुनाव में बीजेपी विधायक विजय कुमार सिन्हा को 126 तो राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी को 114 मत मिले, इस तरह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले विजय सिन्हा बीजेपी के पहले विधायक बने, बता दें कि इससे पहले बीजेपी को बिहार में कभी भी अध्यक्ष पद नहीं मिला था, हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में जो दृश्य विधानसभा में देखने को मिला, वो अपने आप में अनोखा था, चुनाव के कुछ दिन पहले तक महागठबंधन का हिस्सा रहे जीतन राम मांझी जहां प्रोटेम स्पीकर थे, तो वहीं वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी स्पीकर चुनाव के बाद बोलते हुए पूरी महफिल लूट ली।
सियासी चर्चा शुरु
स्पीकर चुने जाने के बाद तेजस्वी यादव के संबोधन के बाद मुकेश सहनी ने ऐसी बात कही, कि आज सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है, आपको बता दें कि तेजस्वी ने अपने संबोधन में विजय सिन्हा को बधाई देते हुए कहा कि हम वैशाली से जीत कर आये हैं, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी है, मेरा सभी से अनुरोध है, कि संविधान की रक्षा करें, सच तो जितना भी छुपाये, वो समय-समय पर निकल आता है, झूठ और असत्य का साथ नहीं दे सकते।
मुकेश सहनी बोलने के लिये खड़े हुए
तेजस्वी के बाद मंत्री मुकेश सहनी बोलने के लिये खड़े हुए, उन्होने सीधे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बीजेपी विधायक को फोन कर प्रलोभन देने का मामला उठा दिया, उन्होने कहा कि जो लोकतंत्र का सम्मान करेगा, वो जेल से किसी को फोन नहीं करेगा, मुकेश सहनी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान की बात करने वालों को पहले अपने घर में देखना चाहिये, कि वहां क्या हो रहा है।
साहस के लिये तारीफ
सिर्फ दो साल पहले विकासशील इंसान पार्टी बनाकर बिहार की राजनीति में उतरने वाले मुकेश सहनी के इस साहस की हर कोई तारीफ कर रहा है, खास तौर पर लालू को निशाना बनाये जाने को लेकर उनके साहस की हर कोई तारीफ कर रहा है, इतना ही नहीं सबसे बड़ी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव को इतनी खरी-खरी सुनाने के अंदाज भी सबको भाया है, सबने उनकी तारीफ की है।
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