ब्रिटेन में लड़कियों का क्यों हो रहा है वर्जिनिटी टेस्ट, जानें वर्जिनिटी रिपेयर कराने की क्या है मजबूरी

 

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नई दिल्ली। विज्ञान और मानव शरीर के बीच विकास क्रम को आगे बढ़ाने के लिए प्रयोग होता रहा है। वर्जिनिटी टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जो मानवीय शरीर को बाजार और आनन्द के रूप प्रस्तुत करता है। ब्रिटेन में वर्जिनिटी टेस्ट चोरी-छिपे किया जा रहा है। ब्रिटेन में तमाम क्लीनिक वर्जिनिटी टेस्ट और वर्जिनिटी रिपेयर करने का दावा कर रहे हैं। इन विज्ञापनों का विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएन ने संज्ञान लिया है। कथित तौर पर ऐसे करीब 21 क्लीनिक चिन्हित किए गए हैं। ब्रिटेन में यह काम कर रहे क्लीनिक वर्जनिटी टेस्ट या वर्जिनिटी रिपेयर का दावा करते हुए धड़ल्ले से विज्ञापन दे रहे हैं। इसके बदले में 1500 पाउंड से 3000 पाउंड तक वसूलते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे क्लीनिकों पर रोक लगाने की मांग की है क्योंकि ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्जिनिटी टेस्ट या वर्जिनिटी रिपेयर का दावा पूरी तरह अवैज्ञानिक है। कोई भी लैब वर्जनिटी टेस्ट कर ही नहीं कर सकता है। इस टेस्ट को करा चुकी कुछ युवतियां भी सामने आई हैं।

टेस्ट करा चुकी ऐसी ही एक युवती ने कहा कि उसके माता-पिता ने उसे वर्जिनिटी टेस्ट कराने के लिए मजबूर किया। युवती ने कहा कि मेरे माता-पिता के साथ मेरे रिश्ते बहुत अच्छे नहीं हैं। माता पिता चाहते हैं कि मैं जल्द शादी कर लूं। एक दिन, एक बुजुर्ग ने मुझे अपने दोस्तों के साथ बाहर देखा और मेरी मां से कहा कि उनमें से एक लड़का मेरा बॉय फ्रेंड था। तमाम तरह की अफवाहों के बाद मुझे ये टेस्ट कराने के लिए मजबूर किया गया। वर्जिनिटी टेस्ट के पीछे मा-बाप का दबाव ज्यादा काम कर रहा है। इतना ही नहीं युवती की शादी जिस परिवार में होनी थी उन लोगों ने भी वर्जिनिटी साबित करने लिए मजबूर किया। विवाह से पूर्व भी इस तरह के टेस्ट की मांग बढ़ती जा रही है जो नाजायज है। युवती को मजबूरन वर्जिनिटी टेस्ट कराना पड़ा। ऐसे 16 क्लीनिकों की पहचान की गयी है। इनमें से 7 सात ने वर्जिनिटी टेस्ट ऑफर करने की बात स्वीकार की है। इन क्लीनिकों ने का भी दावा किया है।

एनएचएस इंग्लैंड के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में 69 हाइमेन-रिपेयर प्रक्रियाएं की गई हैं। इन महिला संस्था द्वारा मदद की गई थी जो कथित तौर पर जबरन विवाह पीड़ितों की मदद करती है। संस्था की हेल्पलाइन देखने वालीं प्रिया मानोता ने बताया कि इस टेस्ट से चिंतित तमाम लड़कियों के कॉल आए हैं। इन लड़कियों को डर है कि उनके परिवारों को यदि पता चल गया कि वह वर्जिन नहीं हैं तो उनकी शादी में अड़चन आ सकती है। ऐसे में परिवार लड़कियों पर इस टेस्ट के लिए दबाव बना सकते हैं। वर्तमान में करीब 20 देशों में वर्जिनिटी परीक्षण के दावे किए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस टेस्ट को फर्जी बताता है।

डब्ल्यूएचओ का साफ कहना है कि यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि किसी महिला या लड़की ने सेक्स किया है या नहीं? बाजार में 50 पाउंड में हाइमन-रिपेयर किट ऑनलाइन भी बेची जा रही हैं। इनके जरिए दोबारा से वर्जिन बनाने का दावा किया जा रहा है। जबकि ऐसा संभव ही नहीं है। हाइमन-रिपेयर को तात्पर्य है कि पुनः उसी स्थिति में जैविक स्थिति ला देना है। यह एक तरह से महिला, युवती के लिए मानसिक प्रताड़ना जैसा है।

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