नई दिल्ली। आज कल काफी लोग हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। हेडफोन का चलन वॉकमैन के वक़्त से ही होता चला आ रहा है, लेकिन लंबे वक़्त हेडफोन के इस्तेमाल न करने की सलाह डॉक्टर्स काफी समय देते रहे हैं। ज्यादा वक़्त तक हेडफोन का यूज़ करने से कानों की परेशानी बढ़ सकती है। आर्मी में शामिल होना युवाओं की पहली पसंद है लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि, ज्यादा हेडफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों की भर्ती उसमे नहीं होती है। पिछले दिनों दुनिया में फैली महामारी कोरोना वायरस की वजह से लोग अपने घरों में ही कैद थे और इस दौरान ही हेडफोन का यूज़ काफी ज्यादा बढ़ चुका है।
लॉकडाउन में जहां लोग घर से ऑफिस का काम कर रहे थे, लगातार ऑनलाइन मीटिंग कर रहे थे। इसा दौरान वो हेडफोन लगाकर रखते थे। वहीं स्कूल के स्टूडेंट्स भी ऑनलाइन क्लास कर रहे है। इस दौरान वो भी हेडफोन या फिर ईयरफोन का ज्यादा ही इस्तेमाल कर रहे थे। इसके बाद देखा गया है कि, लोगों को अचानक कान में दर्द और संक्रमण की परेशानी होने लगी थी।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि, हेडफोन और ईयरपॉड का इस्तेमाल पिछले 8 माह में काफी ज्यादा बढ़ा है। लोग कई घंटो तक इसे लगाकर रखते थे, जिसकी वजह से ही ऐसी शिकायते काफी एक साथ सामने आई हैं। मुंबई के जे जे हॉस्पिटल के कान नाक गला (ईएनटी) विभाग के प्रमुख डॉक्टर श्रीनिवास चव्हाण का कहना है कि, ऐसी शिकायतें वो लोग कर रहे हैं जो इन दिनों लंबे वक़्त तक हेडफोन इस्तेमाल कर रहे थे।
उनका कहना है रोजाना ही ऐसे करीब दस लोग हॉस्पिटल आ रहे हैं। इनमे से ज्यादातर लोग आठ-आठ घंटे से ज्यादा वक़्त तक हेडफोन लगा रहे थे। इससे उनके कानों पर ज्यादा जोर पड़ता है और सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है। अगर जल्द ही ज्यादा देर तक हेडफोन लगाने वालों ने अपनी आदत नहीं बदली तो उन्हें काफी परेशनी हो सकती है। स्कूल के बच्चों को तो हेडफोन लगाना ही नहीं चाहिए। फ़ोन या फिर लैपटॉप की आवाज ऑनलाइन स्टडी के लिए काफी है।
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