यहां पहले सुहागरात और फिर होती है शादी, वर्षों से चली आ रही है यह प्रथा, वजह जानकर दंग रह जाएंगे आप

 

हम और आप लोग जिस दुनिया में रह रहे हैं। अगर इस दुनिया को अजब-गजब की दुनिया भी कहा जाए तो भी किसी को गुरेज नहीं होना चाहिए। ऐसा इसलिए कि इस कायनात में ऐसा बहुत कुछ होता है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर दें और ऊपर से आप दंग रह जाए कि क्या आखिर ऐसा भी हो सकता है। जी हां.. आपने बिल्कुल ठीक पढा। बहुत कुछ अजीब-सा है इस दुनिया में। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी अजीब दास्तां के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर शादी से पहले सुहागरात बनाई जाती है। सुहागरात बनने के बाद फिर  यह तय किया जाता है कि शादी करनी है कि नहीं।

वर्षों से चली आ रही ये प्रथा  
भले ही यह सुनने में आपको थोड़ा अचरज सा लगता हो और आप कह भी सकते हैं कि यह तो मानवीय नियमों के खिलाफ है। क्या कोर्ट या फिर सरकार या फिर किसी सामाजिक कार्यकर्ता ने इसके खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाई तो हम आपको बताते चले कि यह प्रथा भारत के एक सूबे छत्तीसगढ़ के जिले बस्तर के गोंडा समुदाय में काफी प्रचलित है। आपकी और हमारी निगाहों में यह प्रथा हमें थोड़ा अजीब लगती हो लेकिन इनकी निगाहों में इसके बड़े मायने हैं। यह लोग इसे बड़ा ही पवित्र मानते हैं। हो सकता है कि हम और आप इसका विरोध करें लेकिन लोग इसे काफी अर्से से करते आ रहे हैं, लेकिन यहां रहने वाले लोगों को इसे लेकर कोई हर्जा नहीं है। कोई अफसोस नहीं  और कोई गुरेज नहीं।

 बलात्कार कम होते हैं   
इतना ही नहीं, यहां के लोगों का कहना है कि यह इस प्रथा का ही नतीजा है कि यहां पर कभी बलात्कार के मामले नहीं आते हैं। अब इस प्रथा का इसमें क्या योगदान है। यह तो फिलहाल यही लोग बता सकते हैं, लेकिन हां.. एक बात तो साफ है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर के गोंडा समुदाय में यह प्रथा काफी अर्से से प्रचलित है। गोंडा समुदाय के लोग छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक के जंगलों में फैले हुए हैं, जहां पर यह प्रथा काफी व्यापक स्तर पर प्रचलित है। हैरत की बात तो यह है कि आज तक किसी भी प्रशासन के कारिंदे या फिर किसी सामाजिक कार्यकर्ता ने इस प्रथा का विरोध नहीं किया। 

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