दिवाली अयोध्या वाली, मुस्लिम समुदाय ने दीयों से लिखा ‘राम’, जिला पंचायत सदस्य बोले- हम राम के वंशज

 


देशभर में अयोध्या (Ayodhya Diwali) के दीपोत्सव की चर्चा है. हर किसी ने अयोध्या को दीयों की जगमगाहट में डूबे हुए देखा. लेकिन हम आपको दिखाएंगे रामनगरी का ऐसा रंग जिसे देखकर आप खुशी से फूले नहीं समाएगा. क्योंकि राम की नगरी में मुस्लिम समुदाय ने राम नाम लिखकर दीपावली का त्योहार मनाया और अपने घरों को तेल के दीयों से रोशन किया. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो भगवान श्रीराम को अपना पैगंबर बता पूरी दुनिया को सौहार्द का संदेश दे रहे हैं. ये वो मुस्लिम समुदाय है जो धर्म के भेदभाव को भूलकर खुशियां मना रहा है और साथ ही साथ पाकिस्तान को सख्त लहजे में नसीहत दे रहा है.

रामलला का वनवास खत्म
जिला पंचायत सदस्य बबलू खान ने दीपावली के खास पर्व पर अयोध्यावासियों की तरफ से पूरे देश को दीवाली की शुभकामनाएं दी और धूमधाम के साथ प्रकाश का त्योहार मनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि, दीपावली का त्योहार उस दिन से मनाया जाता है जब भगवान राम 14 वर्षों का कठिन वनवास गुजारकर धरती पर आए थे और अब रामलला का वनवास हमेशा के लिए समाप्त हुआ है और इसी कारण दीपों के पर्व को सिर्फ हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम, सिख- ईसाई सभी धर्म के लोग मिलकर मना रहे हैं और चारों तरफ खुशियां बांट रहे हैं.

राम हमारे पूर्वज
दिवाली के खास मौके को स्पेशल बनाते हुए बबलू खान बोले कि, राम हमारे पूर्वज हैं और हम उनके वंशज. हम हिंदुस्तानियों का डीएनए एक है और हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सभी एक सगे भाई हैं. अब हमारे पूर्वज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और जल्द ही राम लला अपने मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. हम लोग बहुत ही धूमधाम से दीपावली मना रहे हैं.

पाकिस्तानियों का दिमाग होगा ठीक
पाकिस्तान को सख्त लहजे में नसीहत देते हुए जिला पंचायत सदस्य बबलू खान ने कहा कि, हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तानराम से नफरत करता है और कई बार आतंकी हमला कर चुका है. मगर जिस दिन रामलला अपने महज में विराजमान होंगे उस दिन पाकिस्तानियों का दिमाग ठीक हो जाएगा. राम के आशीर्वाद से सद्बुद्धि मिलेगी और वह भी हम हिंदुस्तानियों की तरह दीपों का पर्व दीवाली मनाएंगे. उस दिन आतंक का खात्मा होगा और जिन लोगों ने रामलला के स्थान पर हमला किया था वो खत्म हो जाएंगे. कुछ इस तरह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दीवाली के मौके पर खुशियां बांटी और पाकिस्तान व आतंकवाद पर सख्त टिप्पणी की. ऐसे ही लोगों की हमारे समाज को जरूरत है जो खुद को एक मानते हैं जिनके भीतर अलग-अलग धर्मों की भावना नहीं है. जो इस तरह कहते हैं, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी हैं भाई-भाई.

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