यदि Biden अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो कैसे चीन को लेकर अमेरिका की नीतियां बदलेंगी ?

 


अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के अंतिम नतीजे अभी तक सामने नहीं आ पाये हैं लेकिन इतना साफ़ है कि Democrats उम्मीदवार जो बाइडन बहुमत के जादुई आंकड़े “270” को पार करने के बेहद करीब पहुँच चुके हैं। ऐसे में सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर जो बाइडन की जीत के बाद अमेरिका की चाइना-पॉलिसी में क्या बदलाव आएगा? चीन का मुखपत्र global times पहले ही यह उम्मीद जता चुका है कि बाइडन के आने के बाद चीन के लिए अमेरिका से deal करना बेहद आसान रहने वाला है। कोरोना के बाद से दुनियाभर में चीन-विरोधी अभियान ज़ोर पकड़ रहा है और इस अभियान को आगे बढ़ाने में अभी तक ट्रम्प प्रशासन का अहम योगदान रहा था। ऐसे में बाइडन प्रशासन के अंतर्गत चीन को लेकर अगर अमेरिका की नीति में अब कुछ अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं:

  1. Trade War का खात्मा: चुनावों से पहले Joe Biden ने यह ऐलान किया था कि वे सत्ता में आने के बाद ट्रम्प द्वारा चीनी सामान पर लगाए गए tariffs को खत्म कर देंगे और चीन के साथ कोई trade war नहीं करेंगे। Biden ने यह बयान अमेरिकी पत्रकार लूलू गार्सिया को एक interview में दिया था। Biden ने ट्रम्प पर यह आरोप भी लगाया था कि उनके trade war की वजह से उत्पादन क्षेत्र मंदी का शिकार हो गया और कृषि क्षेत्र को भी अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। अब अगर बाइडन White House में प्रवेश करते हैं तो आर्थिक पहलू पर बीजिंग को थोड़ी राहत अवश्य ही मिल सकती है।
  2. Semiconductor Exports पर लगा प्रतिबंध हट सकता है: बाइडन प्रशासन के अंतर्गत अमेरिका-चीन की decoupling तो दूर, दोनों देशों के बीच व्यापार में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ऐसे में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बढ़ते चीनी प्रभाव के बाद अमेरिका Semiconductor Exports पर लगे प्रतिबंध हटाने को मजबूर हो सकता है। अमेरिका में प्रतिबंधित हुवावे कंपनी को शायद ही कोई राहत मिले, लेकिन अमेरिकी Semiconductor के सहारे हुवावे अपने global business को जीवित रखने में सफल हो ही सकता है।
  3. CCP members पर लगा प्रतिबंध हट सकता है: Democrats अपनी ढीली-ढाली immigration policy के लिए जाने जाते हैं और ऐसे में ट्रम्प प्रशासन द्वारा CCP के सदस्यों पर अमेरिका में घुसने पर लगाई गई पाबंदी को हटाया जा सकता है। ट्रम्प प्रशासन ने CCP के लोगों पर अमेरिका में रहकर जासूसी करने के आरोपों के बाद यह कदम उठाया था, अगर बाइडन सरकार इस कदम को वापस लेती है, तो चीन के “Spy Network” को अमेरिका में मजबूती मिल सकती है। मई महीने में अमेरिका में चीन से आने वाले रिसर्चर छात्रों को वीज़ा प्रदान करने पर रोक लगाने का ऐलान किया गया था। इस फैसले को भी अब पलटा जा सकता है।
  4. दक्षिण चीन सागर में चीन को राहत: South China Sea में चीन की गतिविधियों को लेकर ट्रम्प प्रशासन का बेहद ही कड़ा रुख देखने को मिलता रहा है। अगस्त महीने में ही अमेरिका ने 24 ऐसी चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था, जो दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना के लिए infrastructural projects पर काम कर रही थी। इसके अलावा हालिया दिनों में अमेरिकी सेना ने भी दक्षिण चीन सागर में बेहद आक्रामक रुख अपनाया हुआ है, जिसने PLA के लिए बड़ी चुनौती पेश की है। हालांकि, यहां चीन को उम्मीद है कि बाइडन प्रशासन दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी हस्तक्षेप को कम करने के लिए काम कर सकता है।
  5. Quad: Quad के जरिये ट्रम्प प्रशासन ने दुनियाभर में अमेरिका के वर्चस्व को बरकरार रखने की नीति करने की योजना बनाई थी। बाइडन प्रशासन के लिए भी Quad उतना ही महत्वपूर्ण रहने वाला है, जितना ट्रम्प प्रशासन के लिए था। ऐसे में Quad के पहलू से चीन को शायद ही बाइडन प्रशासन से कोई राहत मिले!
  6. Houston में चीनी consulate दोबारा खुल सकता है: जुलाई महीने में Houston में मौजूद चीनी consulate को बंद कर दिया गया था। तब अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि कॉन्सुलेट टेक्सस के एक रिसर्च इंस्टिट्यूशन में फर्जीवाड़े में शामिल था और चीनी इसके अधिकारी इसके रिसर्चर्स को यह निर्देश पहुंचा रहे थे कि उन्हें क्या जानकारी इकट्ठा करनी है। चीन के साथ कूटनीतिक रिश्ते दुरुस्त करने के लिए बाइडन प्रशासन दोबारा इस consulate को खोलने का ऐलान कर सकता है।
  7. अमेरिका में चीनी मीडिया पर दबाव कम: फ्री स्पीच की रक्षा करने के नाम पर बाइडन प्रशासन चीनी मीडिया पर लगे कुछ प्रतिबंधों को हटा सकता है। ट्रम्प प्रशासन ने सभी चीनी मीडिया outlets को चीनी दूतावास का ही एक भाग माना है, अब बाइडन सरकार इस फैसले को वापस ले सकती है।
  8. UN में चीन की और ज़्यादा मजबूत पकड़: अमेरिका ने पिछले चार सालों में UN को आड़े हाथों लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कोरोना के बाद अमेरिका ने WHO की भारी-भरकम फंडिंग रोकने का ऐलान कर इसे चीनी प्रभाव से मुक्त करने की कोशिश की थी। हालांकि, अब अमेरिका दोबारा UN के संस्थानों जैसे UNHRC और WHO में अपनी भागीदारी को सक्रिय कर सकता है, जिसका चीन भरपूर फायदा उठा सकता है, जैसा वह पूर्व में उठाता रहा है।
  9. रूस और चीन के संबंध और मजबूत हो सकते हैं: ट्रम्प प्रशासन रूस से नज़दीकियाँ बढ़ा रहा था, और उसके लिए चीन ही सबसे बड़ा खतरा था। हालांकि, Democrats दोबारा रूस पर दबाव बना सकते हैं और उसे चीन के और ज़्यादा पास धकेलने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

कुल मिलाकर चीन के लिए कई मामलों में बाइडन प्रशासन राहत लेकर आ सकता है। बीजिंग में उनकी नीतियों को ज़्यादा पसंद किया जा सकता है। ऐसे वक्त में जब चीन की अर्थव्यवस्था कई बड़ी मुश्किलों का सामना कर रही है, बाइडन प्रशासन चीन को ऑक्सीज़न सप्लाई करने का काम कर सकता है।

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