सरकार के इस फैसले के बाद से नहीं मिलेगा 44 लाख लोगों को अनाज, जानें क्या है वजह

 

केंद्र सरकार अपनी हर उस कोशिश को अंजाम देने में लगी रहती है, जिससे की सभी को समय पर और प्रचूर मात्रा में अनाज उपलब्ध कराया जा सके, लेकिन इस कड़ी में सरकार अपनी हर उस कोशिश को भी अंजाम देती है , जिससे कि कोई फर्जीवाड़ा उभरकर सामने न आ जाए। अब इसी बीच सरकार ने एक ऐसा ही कदम उठाया है, जिसमें अब तक 44 लाख लोगों के राशन कार्ड को फर्जी बताकर रद्द कर दिया गया है। अब यह लोग राशन लेने से वंचित रह जाएंगे। सरकार के इस कदम पर विस्तृत जानकारी देते हुए खाद्द मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि फर्जी राशन कार्ड को चिन्हित करना नितांत आवश्यक है। इससे पूर्व वर्ष 2013 में भी ऐसे फर्जी राशनकार्ड के मामले सामने आए थे। इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए खाद्द मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि अयोग्य राशन कार्ड को हटाते समय हम प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परिभाषित कवरेज के नए लाभार्थियों को जोड़ते रहते हैं।

इतने लोगों को मिला NFSA का लाभ 
यहां पर हम आपको बताते चले कि अभी तक NFSA के तहत दो तिहाई लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। शनल फूड​ सिक्योरिटी एक्ट के तहत करीब 81.35 करोड़ लोगों को लाभ मिलता है, जो कि देश की आबादी का दो तिहाई हिस्सा है। फिलवक्त, देश के निर्धन तबके के लोगों को अनाज मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 5 किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है। मालूम हो कि सरकार ने यह कदम कोरोना वायरस के चलते जनित आर्थिक समस्याओं से निपटने हेतु उठाया था।

बेहद कम कीमत पर मिलते हैं अनाज 
NFSA के तहत बेहद कम दाम में अनाज मिलते हैं। गेहूं को 2 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से यह वितरित किया जाता है। इसके अतिरिक्त हम PMGKAY के तहत हर महीने 3.2 करोड़ टन मुफ्त अनाज का वितरण कर रहे हैं, लेकिन अब सरकार के द्वारा फर्जी राशन कार्ड को निरस्त करने के बाद कई लोग इस सुविधा से वंचित रह जाएंगे।

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