दिल्ली हिंसा में बड़ा खुलासा, पथराव में शामिल थीं 300 ट्रेंड महिलाएं

 

नई दिल्ली। मुस्लिम आज अगर संदिग्ध नजरों से देखें जा रहे हैं तो उसके जिम्मेदार वह खुद हैं। दिल्ली हिंसा की जांच में रोजाना जो नए खुलासे हो रहे हैं वह बेहद चौंकाने और सतर्क करने वाले हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की तरफ से उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ UAPA के तहत दाखिल किए गए चार्जशीट में दिल्ली हिंसा में बंगाली बोलने वाली करीब 300 महिलाओं के शामिल होने की बात कही गई थी। इतना ही नहीं चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि इसके लिए इन महिलाओं को अलग-अलग एंटी-सीएए प्रदर्शन साइट पर बुलाया गया था।

चार्जशीट में यह भी दावा किया गया है कि इन बंगाली महिलाओं को बसों से जाफराबाद लाया गया था। साथ ही महिलाओं को बसों में बिठाकर शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल पर भी पहुंचाया गया था। यहां चल रहे प्रदर्शनों में इन महिलाओं को लगातार शामिल किया गया, इनके खाने—पीने का भी प्रबंध किया गया। इन बंगाली महिलाओं में अधिकत्तर महिलाएं बुर्खा में थीं और प्रदर्शन के दौरान हुए पथराव में भी शामिल थीं। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि इन बंगाली बोलने वाली महिलाओं को पूरी तैयारी के साथ दिल्ली लाया गया था। इन महिलाओं को बुलाने से लेकर कब किस प्रदर्शन में शामिल होकर क्या करना है इसकी पूरी योजना उमर खालिद ने की थी। बता दें कि दिल्ली हिंसा में उमर खालिद का नाम एक बड़े मास्टरमाइंट के रूप में सामने आया है।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने इस वर्ष फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली दंगों को हवा देने की साजिश रची थी, ताकि विश्व स्तर पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार दिखाकर भारत को बदनाम किया जा सके। जानकारों की मानें तो खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया है।

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