23 लाख से अधिक को रोजगार देकर यूपी ने बनाया रिकॉर्ड, गेम चेंजर साबित हुई योगी सरकार की यह योजना

 

लखनऊ। नकारात्मकता जल्दी दिख जाती है शायद यही कारण है कि इसके पीछे की अच्छाई लोगों को नजर नहीं आती। कोरोना संकट के दौरान लोगों को कई तरह की दिक्कतें हुई, लेकिन इन दिक्कतों के बावजूद भी सरकार ने कई सकारात्मक पहल करते हुए गरीबों व जरूरतमंदों की कोफी मदद की। गरीबों को फ्री राशन, पेंशन व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। लेकिन सत्ता के लोभी विपक्ष की नकारात्मक राजनीति के पीछे इन सबका कोई जिक्र नहीं हो रहा है। लोगों को हुई दिक्कतों पर राजनीति तो रही है, लेकिन इस दौरान उनको मिली सहूलियतों पर कोई चर्चा करने वाला नहीं है। कोरोना संकट के दौरान एक तरफ जहां लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हुआ तो वहीं दूसरी तरफ 5.81 लाख नई इकाइयों की मदद से 23.26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन लगाए जाने की वजह से लाखों गरीब-मजदूर के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया था। लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सभी राज्यों ने अपने लोगों के लिए बेहतर प्रयास किए। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जो रैंकिंग जारी की है, उसमें उत्तर प्रदेश ने टॉप 5 राज्यों में जगह बनाई है। आरबीआई के मुताबिक एमएसएमई के जरिए रोजगार देने वाले राज्यों में यूपी टॉप 5 में शामिल शामिल है। बताते चलें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में एमएसएमई से रोजगार देने के मामले में प्रदेशवार सूची जारी की है। इस सूची में सबसे ज्यादा रोजगार देते हुए महाराष्ट्र पहले, तमिलनाडु दूसरे, गुजरात तीसरे, मध्य प्रदेश चौथे और उत्तर प्रदेश पांचवें स्थान पर है। वहीं रोजगार देने के मामले में उत्तर प्रदेश ने राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में योगी सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) गेम चेंजर साबित हुई है। इसके तहत बड़े जिलों के साथ जौनपुर, एटा, पीलीभीत, मिर्जापुर और प्रतापगढ़ जैसे छोटे जनपद भी ओडीओपी योजना के साथ रोजगार के केंद्र बन गए हैं। एमएसएमई विभाग के मुताबिक प्रदेश में 5,81,671 नई इकाइयां शुरू की गई हैं। इसमें कुल 23,26,684 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। आंकड़ों में 2,57,348 श्रमिक ऐसे भी हैं जिन्हें पहले से चल रही इकाइयों में ही रोजगार दिया गया है। कोरोना संकट के बीच दूसरे राज्यों से लौटे करीब 40 लाख प्रवासी श्रमिकों का अभियान चलाकर स्किल मैपिंग कराया गया। वहीं रियल एस्टेट के माध्यम से 1,14,466 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।

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