कार्तिक मास में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। मान्यता है की कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही देवता दीवाली मानते हैं। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर दिन सोमवार को पड़ रही है। कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक महीने के आखिरी दिन पड़ती है। इस दिन लोग गंगा, गोमती, सरयू समेत अन्य नदियों में पवित्र स्नान करके पूजा अर्चना करते हैं और क्षमता योग्य दान आदि करते हैं। इस दिन भगवन विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि योग व वर्धमान योग बन रहे हैं। यह योग कार्तिक पूर्णिमा के महत्व को और भी बढ़ा रहा है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा या तुलसी के पास देशी घी का दिया जलाएं। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी करती हैं।
मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी ने स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप घुल जाते हैं। इस दिन दीपदान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस का संहार किया था।
वहीं दूसरी कथा के मुताबिक इसी दिन भगवान विष्णु ने प्रथम मत्स्यावतार लिया था। वहीं इस दिन को लेकर एक और मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सोनपुर में गंगा गंडकी के संगम पर गज और ग्राह का युद्ध हुआ था। गज की करुणामई पुकार सुनकर भगवान विष्णु ने ग्राह का संहार कर भक्त की रक्षा की थी।
इस वजह से देवताओं ने स्वर्ग में दीपक जलाए थे, तभी से इस दिन को देव दिवाली के ररूप में भी मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान सत्यनारायन कि कथा सुनते हैं और व्रत रखते हैं,जिससे देवता प्रस्सन होते हैं।
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