ओवैसी vs चंद्रशेखर रावण: यूपी के बुलंदशहर में AIMIM और भीम आर्मी के प्रत्याशियों में हुई भिड़ंत

 


भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर रावण इन दिनों उत्तर प्रदेश में डेरा जमाए हुए हैं, और वे कैसे भी करके राज्य में 2022 के चुनाव आने तक अपनी एक मजबूत स्थान स्थापित करना चाहते हैं, चाहे तरीका कैसा भी हो। लेकिन हाथरस कांड की भांति चंद्रशेखर रावण का झूठ एक बार फिर उजागर हुआ, जब AIMIM के सदस्यों से हुई भीम आर्मी की हिंसक भिड़ंत का ठीकरा उसने योगी सरकार पर फोड़ने का प्रयास किया।

हाल ही में बुलंदशहर विधानसभा के उपचुनाव से संबंधित प्रचार-प्रसार के लिए भीम आर्मी ने एक रैली निकाली थी। रास्ते में कुछ विरोधियों से भीम आर्मी के सदस्यों की हिंसक भिड़ंत हो गई, जिसमें गोलियां चलने के भी आरोप लगे। अब किसने गोलियां किसके विरुद्ध चलाई है, ये तो जांच पड़ताल के बाद सामने आएगा, परंतु चंद्रशेखर रावण को मानो योगी सरकार को घेरने का एक सुनहरा अवसर मिल गया। बिना योगी सरकार का नाम लिए जनाब ट्वीट करते हैं, “बुलंदशहर के चुनाव में हमारे प्रत्याशी उतारने से विपक्षी पार्टियां घबरा गई हैं और आज की रैली ने इनकी नींद उड़ा दी है, जिसकी वजह से अभी कायरतापूर्ण तरीके से मेरे काफिले पर गोलियां चलाई गई हैं। यह इनकी हार की हताश को दिखाता है, ये चाहते हैं कि माहौल खराब हो, लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे”।

लेकिन इससे पहले कि रावण का प्रोपेगेंडा सुर्खियां बटोरता, बुलंदशहर पुलिस ने इसे तुरंत ध्वस्त कर दिया। स्पष्टीकरण जारी करते हुए बुलंदशहर की पुलिस ने ट्वीट किया, AIMIM और आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े की सूचना थी, जिस पर थाना प्रभारी कोतवाली नगर में फोर्स ने मौके पर पहुँचकर मामले का संज्ञान लिया। फायरिंग की घटना असत्य है। जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी”।

लेकिन बुलंदशहर की पुलिस वहीं पर नहीं रुकी। जांच पड़ताल में ये भी सामने आया कि चंद्रशेखर रावण की भीम आर्मी और AIMIM के सदस्यों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें रावण ने जानबूझकर उत्तर प्रदेश प्रशासन को घसीटने का प्रयास किया।

इसके अलावा अप्रत्यक्ष रूप से AIMIM ने भी भीम आर्मी के खोखले दावों की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। AIMIM के नेता नफीस अहमद ने ट्वीट किया, “शर्मनाक! आजाद समाज पार्टी के गुंडों ने AIMIM के प्रत्याशी दिलशाद अहमद पर बुलंदशहर में कायरतापूर्ण जानलेवा हमला किया और 5 राउन्ड फायरिंग की। चंद्रशेखर रावण, जो तुम कर रहे हो उसे राजनीति नहीं गुंडागर्दी कहते हैं”।

इस परिप्रेक्ष्य में बुलंदशहर पुलिस ने दिलशाद अहमद की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि जब लड़ाई AIMIM और भीम आर्मी के लड़कों के बीच थी, तो इसमें भाजपा को घसीटने का क्या उद्देश्य था? दरअसल, चंद्रशेखर रावण उन्हीं राजनेताओं की तरह है, जो दलित-मुस्लिम एकता के काल्पनिक सिद्धान्त को सिद्ध करने पर जोर देते रहते हैं। यदि ये सामने आता कि ये लड़ाई भीम आर्मी और AIMIM के बीच हुई है, तो चंद्रशेखर की नीतियों को करार झटका लगता, और मीम-भीम राजनीति का भी उपहास उड़ाया जाता।

इसीलिए चंद्रशेखर रावण ने ‘दलित मुस्लिम एकता’ के झूठ को बनाए रखने के लिए भाजपा पर गोलियां चलवाने का आरोप लगाया, लेकिन AIMIM के नेताओं ने शिकायत दर्ज कराकर उसके अरमानों पर जबरदस्त पानी फेर दिया। इस समय चंद्रशेखर रावण पर एक ही कहावत लागू होती है, “चौबे जी चले छब्बे जी बनने, दूबे जी बनके लौटे”।

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