
करवाचौथ का त्योहार के लिए अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। हिन्दू धर्म के मुताबिक करवाचौथ सुहागन औरतों के लिए बेहद ही महत्त्वपूर्ण होता है। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। अर्थात करवाचौथ का पर्व दिवाली के 10 या 11दिन के पहले पड़ता है। करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती है। कहीं-कहीं इस दिन सुबह सर्योदय से पहले सरगी खाने की परंपरा है। सरगी सूर्यौदय से पहले खा ली जाती है। उसके बाद व्रत की कथा पढ़ते है और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने कहा कि कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को पड़ने वाला संकष्ठी श्री गणेश करक चतुर्थी व्रत ,जिसे करवा चौथ व्रत भी कहते है। इस साल 4 नवम्बर 2020 दिन बुधवार को करवा चौथ का पर्व मनाया जायेगा। पति की दीर्घायु, यश-कीर्ति और सौभाग्य वृद्धि के निम्मित किया जाने वाला यह कठीन व्रत इस बार हिन्दू महिलाएं 4 नवंबर दिन बुधवार को रहेंगी।
काशी में और उसके आसपास में चंद्रोदय का वक्त रात में करीब 7:57 बजे होगा। इसके बाद चंद्रमा दिखाई पड़ने पर अर्घ्य देकर परम्परागत तरीके से इस पर्व को मनाया जाता है। इस बार 4 नवंबर को शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
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