चाय और मेकअप के बिल की ऑडिटिंग से लेकर FIR तक, अब मुंबई पुलिस Republic Tv को प्रताड़ित कर रही है

 


सत्ता की शक्तियों का कैसे निरंकुशता के साथ इस्तेमाल किया जाता है वह महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने दिखा दिया है। शुक्रवार को मुंबई पुलिस ने Republic मीडिया नेटवर्क के खिलाफ एक चौंकाने वाले कदम में पूरी संपादकीय टीम के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की है। नेटवर्क के शीर्ष संपादकों सहित मुंबई पुलिस द्वारा नेटवर्क के लगभग 1000 कर्मचारियों को बुक किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार मुंबई पुलिस ने IPC की धारा 500 और 34 के तहत मुंबई पुलिस को बदनाम करने जैसे गंभीर गैर-जमानती अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया है।

इससे पहले दिन में, मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क सीएफओ सुंदरम को 12 घंटे के भीतर नेटवर्क के साथ प्रत्येक लेनदेन और प्रत्येक पत्रकार के विवरण को प्रस्तुत करने के लिए कहा। मुंबई पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 91 के तहत Republic को एक नोटिस जारी करते हुए उनसे इस चैनल की स्थापना के बाद से हर लेनदेन का विवरण प्रस्तुत करने को कहा है।

मांगे गए विवरणों में कॉफी वेंडिंग मशीन, एयर कंडीशनिंग उपकरण, फर्नीचर, बागवानी, मेक अप, श्रृंगार, सूट और यहां तक ​​कि हेयरब्रश, टॉयलेट पेपर, टिशू पेपर, ए 4 पेपर और अन्य स्टेशनरी शामिल हैं।

यह हैरान कर देने वाला विषय है कि कैसे एक मीडिया संस्थान को राज्य सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर प्रताड़ित कर रही है। यह कुछ और नहीं बल्कि एक स्पष्ट बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई है। पिछले कुछ समय से Republic ने महाराष्ट्र सरकार के अपराध नियंत्रण के तौर तरीकों पर, बॉलीवुड के ड्रग मामले पर और दाऊद-राजनीतिक सांठगांठ पर खूब सारी रिपोर्टिंग की है और ऐसा माना जा रहा है कि इसी कारण महाराष्ट्र सरकार उसके पीछे पड़ी है।

कुछ दिनों पहले यह स्टिंग ऑपरेशन में भी खुलासा हुआ था कि महा विकास आघाडी कैसे रिपब्लिक TV को बंद करने के लिए कई टीम का गठन कर चुकी है। स्टिंग में  खुलासा हुआ था कि महाराष्ट्र सरकार, विशेष रूप से सीएम उद्धव ठाकरे रिपब्लिक टीवी और अर्नब से परेशान है और शीर्ष आईएएस और आईपीएस अधिकारी के साथ एक टीम बनाई गई है ताकि रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सुबूत ढूंढा जाए। यही कारण है कि रिपब्लिक का नाम न होते हुए भी मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने विशेष कॉन्फ्रेंस कर इस चैनल को TRP Scam में प्रमुख आरोपी के तौर पर फँसाने की कोशिश की। अब तो यह भी खुलासा हो चुका है कि FIR में रिपब्लिक का नहीं बल्कि India Today का नाम था।

मुंबई पुलिस ने इस मामले में अब तक Hansa research के पूर्व कर्मचारी विशाल भंडारी और बोमपल्ली राव मिस्त्री सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। रिपब्लिक टीवी का नाम अब तक न तो एफआईआर में, न रिमांड कॉपी में और न ही गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के बयानों से आया है। इसके बावजूद, मुंबई पुलिस ने Republic टीवी के कार्यकारी संपादक- निरंजन नारायणस्वामी, वरिष्ठ कार्यकारी संपादक अभिषेक कपूर, और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की डिस्ट्रीब्यूशन टीम के वरिष्ठ सदस्यों को तलब किया।

सोशल मीडिया पर तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है लेकिन अन्य मीडिया ग्रुप्स का महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस प्रताड़ना के खिलाफ चुप्पी चिंताजनक है। महाराष्ट्र सरकार का इस तरह से एक मीडिया ग्रुप के पूरी एडिटोरियल टीम पर FIR  करना आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा प्रेस पर किए गए अत्याचार की याद दिलाता है।

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