पुलिस की पिटाई से फेफड़े की झिल्ली फट गई थी, अर्णब गोस्वामी से साध्वी प्रज्ञा ने सुनाई आपबीती!

पुलिस की पिटाई से फेफड़े की झिल्ली फट गई थी, अर्णब गोस्वामी से साध्वी प्रज्ञा ने सुनाई आपबीती!

 बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रिपब्लिक टीवी पर बातचीत के दौरान कई बड़े खुलासे किये हैं, उन्होने कहा कि पुलिस की पिटाई की वजह से उनकी फेफड़े की झिल्ली फट गई थी, अर्णब गोस्वामी से बात करते हुए भोपाल सांसद ने कहा कि मुझे ये लोग एक होटल में ले गये थे, राजदूत होटल था, वहां इन्होने पलंग पर कुछ वायर बिछाये, कुछ इंस्ट्रूमेंट्स नीचे रखे, ऊपर से बेडशीट बिछाई, उस पर मुझे बैठाया गया, पता नहीं क्या-क्या उल्टा-सीधा प्रश्न पूछते रहे, उसके बाद जो मेरी जानकारी में नहीं था, उन प्रश्नों का जवाब जब मैंने नहीं दिया, इनके समक्ष मैं झुकी नहीं।

टॉर्चर किया
भोपाल बीजेपी सांसद ने बताया कि पुलिस वालों द्वारा कही गई बात जब मैंने नहीं कही, तो इन्होने मुझे इतना टॉर्चर किया, कि मैं वहां बेहोश हो गई, फिर ये गोपनीय तरीके से मुझे किसी अस्पताल में लेकर गये, वो सुश्रुषा अस्पताल था, उस हॉस्पवीटल की जो रिपोर्ट आई उस रिपोर्ट में आया कि मार लगने से मेरे फेफड़े की झिल्ली फटी और उसके कारण मैं बेहोश हुई, तथा मेरी सांस रुकी, उसके बाद इन लोगों ने मुझे उसी अवस्था में दूसरे अस्पताल लेकर गये, मुझे पैदल ही अस्पताल में सीढियां चढवाई गई, मुझे जानबूढ कर दूसरे अस्पताल में रखा, ताकि कोई ट्रेस ना कर पाये, इन लोगों ने गैरकानूनी तरीके से हमें 13 दिन रखा।

कौन-कौन था
इस पर एंकर अर्णब गोस्वामी ने बीजेपी सांसद से पूछा कि जब आपको राजदूत होटल ले जाया गया था, तब उस समय कौन-कौन पुलिस वाले थे, इस पर साध्वी ने बताया कि जब मुझे ले जाया जा रहा था, तब सुवरणा शिंदे थी और कोई एक इंस्पेक्टर था और खानविल्कर थे, ये लोग साथ में उस समय थे। चैनल पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि परमबीर के षडयंत्र के खिलाफ मैं कुछ कर रही हूं, जिन-जिन लोगों ने मुझे टॉर्चर किया मैं उन पर केस करुंगी, उन्हें दंड दिलवाऊंगी।

मालेगांव मामले में गिरफ्तारी
साध्वी प्रज्ञा का पूरा नाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर है, एमपी के भिंड जिले के कछवाहा गांव में पैदा हुई प्रज्ञा साल 2008 में मालेगांव ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार हुई थी, महाराष्ट्र के मालेगांव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीद शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने 29 सितंबर 2009 को रात 9.35 बजे धमाका हुआ था, जिसमें 6 लोग मारे गये और 101 घायल हुए थे। इस धमाके में एक मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था, एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार ये मोटर साइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी, जिसके बाद प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया था, उन पर मकोका लगाया गया था, बाद में एनआईए ने 2016 में अपनी रिपोर्ट दी, तो उन्हें दोषमुक्त बताया गया था, मकोका भी हटा लिया गया था।

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