जानें क्यों बजरंग बली को चढ़ाया जाता है सिंदूर, इसके पीछे है ये बड़ा रहस्य


भारत एक ऐसा देश है, जहां पर करोड़ों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. सालभर में अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं. यहां पर हर धर्म के लोग रहते हैं. जिनकी अपनी एक अलग मान्यता है. कोई दुर्गा को पूजता है, कोई शिव की अराधना करता है, कोई गणपति बप्पा की भक्ति में लीन होता है, तो कोई भगवान हनुमान (Hanuman) की पूजा करता है. जितने लोग उतनी तरह की यहां मान्यताएं हैं. हिंदू धर्म में भगवान बजरंग बली (Lord Bajrang Bali) को ज्यादातर घरों में पूजा जाता है. कहते हैं, कि क्षण भर में अपने भक्तों के कष्ट वो हर लेते हैं.

भागवान हनुमान (Hanuman) की जो श्रद्धा भाव से पूजा करता है, उस पर वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, और उनके दरबार से कोई शख्स खाली नहीं लौटता है. लेकिन एक सवाल आज भी भक्तों के मन में समय-समय पर उठता रहा है. हर व्यक्ति ये वजह जानना चाहता है कि आखिर ऐसा क्या है, जिसके कारण भगवान बजरंग बली पर सिंदूर (Bajrang Bali on Sindoor) चढ़ाया जाता है.

दरअसल मंगलवार के दिन भगवान बजरंग बली की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ जो लोग करते हैं, और इस दिन जो उन्हें खुश करता है, उसके सभी कष्टों को संकट मोचन खत्म कर देते हैं, और उस पर उनकी अपार कृपा बरसती है. ये सच है कि हर शख्स की ये इच्छा होती है कि भगवान हनुमान उन पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें. लेकिन इसके लिए मंगलवार को नियमित रूप से भगवान बजरंग बली को सिन्दूर अर्पित करना होता है. क्योंकि उन्हें सिन्दूर पसंद है.

इस वजह से बजरंग बली को चढ़ाया जाता है सिंदूर
दरअसल आज के समय में हर शख्स इस बात से वाकिफ है कि, तुलसी भगवान विष्णु को अधिक प्रिय हैं. यही कारण है कि उनके जितने भी अवतार हैं उन पर तुलसी चढ़ाई जाती है.
आपको बता दें कि, हनुमान भी विष्णु जी के ही अवतार श्रीराम के परम भक्त हैं. इसलिए उन्हें तुलसी अर्पित करने पर भगवान श्री राम भी खुश होते हैं. यही कारण है कि हनुमान जी भी भोजन में तुलसी मिलने पर प्रसन्न हो जाते हैं.

इसके साथ ही आपके मन में उठ रहे सवालों का भी जवाब दे देते हैं कि आखिर उन्हें सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है. दरअसल इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. जी हां वो कहानी माता सीता और राम से जुड़ी है. बता दें कि अपने स्वामी श्री राम को प्रसन्न करने के लिए मां सीता मांग में सिंदूर भरती थीं. ऐसे में जब ये बात बजरंग बली को पता चली तो उन्होंने पूरा शरीर सिन्दूर में डुबा दिया. ताकि श्री राम उनसे भी अथाह स्नेह करें.

यही वजह है कि तब से लोग जब भी हनुमान जी की पूजा करते हैं तो उन्हें सिन्दूर चढ़ाना नहीं भूलते हैं, और ये अब एक परंपरा बन गई है. इसके साथ ही माना जाता है कि, हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाने से अनेक शारीरिक रोगों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है.


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