बच्चों के नर्वस सिस्टम को कमजोर कर रहा ‘कोरोना’, एम्स में दिखा ऐसा पहला मामला

 

एक तो पहले से ही कोरोना के कहर से चौतरफा त्राहि-त्राहि का आलम है, तो दूसरा इसके नकारात्मक असर से कई तरह की परेशानियां भी अब सामने आ रही हैं। इसी बीच अब बच्चों के नर्वस सिस्टम के कमजोर होने का मामला भी सामने आया है। एम्स के  प्रमुख डॉ. शेफाली गुलाटी ने कहा कि कोरोना  के चलते 11 साल की एक बच्ची के तांत्रिक के खराब होने का मामला सामने आया है, जिसका सीधा असर बच्ची के दृष्टि क्षमता पर पड़ा है। बहुत जल्द ही.. इस उपचार को रिपोर्ट की शक्ल देकर इसे प्रकाशित कराया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 वर्षीय लड़की में कोरोना संक्रमण के कारण एक्यूट डेमिनालाइजिंग सिंड्रोम (एडीएस) मिला है। यह पहला मामला है, जो बच्चों में पाया गया है।”

यहां पर हम आपको बताते चले कि तांत्रिकाओं को सुरक्षात्मक परत के साथ कवर किया जाता है। जिसे मलायिक कहा जाता है। यह मस्तिष्क से संदेशों को भेजने का काम करता है। माइलिन, मस्तिष्क संकेतों को नुकसान पहुंचाती हैं और तंत्रिका संबंधी कार्यों जैसे दृष्टि, मांसपेशियों की गति, इंद्रियों, मूत्राशय और आंत्र आंदोलन आदि को प्रभावित करती हैं। इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए   शेफाली गुलाटी कहतीं हैं कि  यह मामला हमारे पास आया है। फिलहाल हम इसकी जाच कर रहे हैं। बहरहाल, अब यह बात पूर्णत: साफ हो चुकी है कि कोरोना हमारे फेफड़ों के साथ-साथ हमारे मस्तिष्क को भी प्रभावित करती है।

बच्ची का उपचार डॉ शेफाली की अगुवाई में किया जा रहा है। अब  बच्ची के हालात में काफी सुधार आया है। बच्ची की 50 फीसद दृष्टि बहाल हो चुकी है। अब बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे गई है। डॉ गुलाटी इस संदर्भ में कहतीं हैं कि बाल रोग विशेषज्ञों के समक्ष कई चुनौतियां हैं। हमारे सहित कुछ ही केंद्र, राउंड-द-क्लॉक चाइल्ड न्यूरोलॉजी टेली-हेल्पलाइन और टेली-परामर्श सेवाएं चलाते हैं  एवं अब इससे निपटने के लिए विशष्ट उपकरण को नया आयाम देने पर विचार किया जा रहा है। 

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