वुहान वायरस की भेंट चढ़ चुका था गोवा का पर्यटन उद्योग, सावंत सरकार ने निकाला एक अनोखा उपाय

 


चीन द्वारा निर्मित वुहान वायरस की महामारी के कारण दुनिया भर के लोगों को स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के मोर्चों पर काफी नुकसान झेलना पड़ा है और गोवा भी इससे अछूता नहीं रहा है। जिसकी आधी से अधिक अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित हो, उसके लिए वुहान वायरस किसी त्रासदी से कम तो कतई नहीं होगा। परंतु इस संकट से निपटने के लिए गोवा ने एक बेहद अनोखा उपाय निकाला है।

गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्फूर्ति अर्थात Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries के अंतर्गत क्लस्टर डेव्लपमेंट प्लान हेतु एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया, जिसमें गोवा की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक अनोखी युक्ति निकाली गई।

सीएमओ द्वारा जारी बयान के अनुसार, “धान की प्रोसेसिंग हो, गोवा के फलों की प्रोसेसिंग हो, नारियल से Coir की उत्पत्ति हो, स्वयं सहायता समिति द्वारा मसाले और जड़ी बूटियों की उत्पत्ति करनी हो, फूड प्रोसेसिंग हो, pottery हो, गन्ने के फसल से गुड निकालना हो, खोला मिर्चियों का व्यापार हो या  सब्जियाँ, इन सभी को रोजगार हेतु चिन्हित किया गया है।”

आसान भाषा में कहा जाए, तो इस निर्णय से गोवा सरकार को गांवों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक सुनहरा अवसर मिलेगा। इन क्लस्टर्स से रोजगार बढ़ेगा और साथ ही राज्य सरकार को राजस्व भी मिलेगा और एक ऐसी अर्थव्यवस्था का सृजन होगा जहां स्थानीय कलाकार, किसान, शिल्पकार इत्यादि के आपसी सहयोग से राज्य की अर्थव्यवस्था की हर प्रकार की आवश्यकता की पूर्ति होगी।

परंतु बात यहीं पर नहीं रुकती। सीएमओ ने अपने बयान में आगे यह भी कहा की उक्त मीटिंग, जो गुरुवार को हुई थी, पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने वाले गोवा के स्वयमपूर्ण गोवा अभियान का एक अहम हिस्सा है, जो ऐसे अनेक योजनाओं से गोवा के अर्थव्यवस्था को न केवल पुनः पटरी पर लाएगा, अपितु गोवा को नई ऊंचाइयों तक भी ले जाएगा।

 

एक तरफ जहां खनन उद्योग पर ताला लगा हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर पर्यटन उद्योग निरंतर धन देने की कोई गारंटी नहीं देता है। ऐसे में सरकार अर्थव्यवस्था के लिए निरंतर राजस्व उत्पन्न करने हेतु अनेक विकल्प ढूंढ रही हैं, और ऐसे में गोवा सरकार की नई क्लस्टर स्कीम इसी दिशा में एक अहम काम करने जा रही है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रोजगार की समस्या पर प्रकाश डालते हुए कहा, “इस समय राज्य में ऐसे एक लाख लोग हैं, जिन्होने गोवा के रोजगार एक्स्चेंज पर अपने आप को पंजीकृत कराया है”।

एक समय पर गोवा में खनन उद्योग उसके लिए किसी लाइफ लाइन से कम नहीं था। परंतु वुहान वायरस के कारण इस उद्योग पर काफी बुरा असर पड़ा है, जिसके कारण बचपन से इस काम में लगे कई कर्मचारी अब लगभग बेरोजगार हो चुके हैं। इसीलिए प्रमोद सावंत ने जिस स्कीम की घोषणा की है, उसने अन्य राज्यों को भी राह दिखाई है, कि बिना राजकोष को कोई विशेष नुकसान पहुंचाए भी रोजगार उत्पन्न हो सकता है और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकता है।

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