गंगा जल का इस तरह उपयोग कर दूर करें घर का वास्तु दोष

पतित पावनी मां गंगा का गुणगान वेदों व शास्त्रों में किया गया है। गंगाजल की महिमा किसी से छिपी नहीं है। माता गंगा को न सिर्फ हिन्दू धर्म बल्कि दुनिया के सभी धर्मों में महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है। गंगा की महिमा का गुणगान आदि काल से चली आ रही है। गंगा जल को अमृत माना गया है। यही कारण है कि आज भी हरिद्वार में गंगा जल को लेने के लिए देश—दुनिया से श्रद्धालु आते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार युगों पहले भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लेकर आए थे, भागीरथ ने हिमालय के जिस मार्ग से गंगा की धरा को मैदान में लेकर आए थे वह मार्ग जीवनदायनी दिव्य औषधियों व वनस्पतियों से भरा हुआ है। यही कारण है गंगा जल को अमृततुल्य माना जाता है। गंगा जल के कुछ टोटके हैं, जिसे अपना कर घर में सुख समृद्धि आती है।

  • गंगा जल चढ़ाने से भगवान सदा शिव काफी प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव को गंगा जल अर्पित करने वाले श्रद्धालु को मोक्ष और शुभ लाभ दोनों ही मिलते हैं।
  • अच्छा व्यवसाय, बेहतरीन नौकरी और धन प्राप्ति के लिए भगवान शिव को बिल्वपत्र, कमल और गंगाजल अवश्य चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके सारे कष्ट कट जाएंगे।
  • कर्ज में डूबे लोग गंगा जल का इस तरह से उपयोग करके अपनी सारी परेशानियों से निजात पा सकते हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग गंगा जल को पीतल की बोतल में भरें और उसे घर के अंदर उत्तर पूर्व दिशा में रख दें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी।
  • शास्त्रों के मुताबिक गंगाजल को घर में रखने से सुख—समृद्धि हमेशा बनी रहती है। इसलिए घर में हमेशा गंगा जल रखना चाहिए।

    गंगा जल से घर के वास्तुदोष को दूर किया जा सकता है। वास्तुदोष से यदि आप परेशान हैं तो नियमित तौर पर घर में गंगा जल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और धीरे—धीरे करके वास्तुदोष का प्रभाव खत्म हो जाता है।

  • जीवन में तरक्की और सफलता पाने के लिए गंगाजल को हमेशा अपने पूजा स्थल और किचन में रखें। घर के सारे विघ्न—बांधा दूर रहेंगे।
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