इस अमानवीय परिस्थितियों में रहने को मजबूर महिला को अधिकारी रजनी गुप्ता ने आज़ाद कराया। पीड़िता काफी ज्यादा कमजोर हो चुकी थी जब उसे बाहर निकाला गया तो वो चल भी नहीं पा रही थी। वो काफी ज्यादा ही भूखी थी जब उसे खाना दिया तो उसने 8 रोटी खाई और पानी पिया। महिला इन डेढ़ वर्षों में भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। महिला में बारे में मिली जानकारी के अनुसार, उसकी शादी नरेश कुमार से 17 वर्ष पहले हुई थी। उसके तीन बच्चे भी हैं। सबसे बड़ी एक बेटी है जिसकी उम्र 15 वर्ष है और दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 11 और 13 वर्ष हैं।
वहीं पति से इस बारे में जब सवाल किया गया कि, क्यों उसने अपनी पत्नी को शौचालय में बंद कर रखा था तो उसने बताया कि, पत्नी की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वहीं महिला से जब अधिकारियों ने सवाल किये तो उसने सभी सवालों के सही जवाब दिए और घर के सभी सदस्यों की पहचान भी की। महिला के इलाज के कोई भी दस्तावेज पति के पास से नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से उसे खिलाफ आईपीसी की धारा 498 ए और 342 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर कर लिया गया है।
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