बस्ती: अधिकमास की ये अमावस्या है खास, श्री बौड़ीहार नाथ धाम में श्रद्धालुओं द्वारा कथा और भंडारे का आयोजन किया गया


 उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अंतर्गत सुविख्यात श्री बौड़ीहार नाथ धाम के प्रांगण में आज अधिक मास (पुरूषोत्तम मास) के अंतिम दिवस पर अनेकों श्रद्धालुओं द्वारा कथा और अन्य विविधियों द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की गई.जिसमें कई श्रद्धालुओं के द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया और कई भक्तों को भोजन कराया गया. आज जिससे कई भक्तों कि क्षुधा समाप्त हुआ. श्री बौड़ीहार नाथ धाम में स्वयं-भू (स्वत: प्रगट) भगवान भोलेनाथ की झांकी अत्यंत रोचक रहा.

आपको बता दें कि इस दिन पुरूषोत्तम मास खत्म हो जाता है और फिर अगले दिन आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि लग रहा है। अधिकमास 18 सितंबर से शुरू हुआ था। ये अधिकमास का माह 3 साल में एक बार ही आता है। इसके कारण यह अमावस्या बहुत ही खास है। अमावस्या पर भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय रहते हैं।

 इसकी वजह से हमारे चारो ओर नकारात्मक शक्तियां सक्रिय हो जाती है इसलिए अमावस्या की रात को किसी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए खासतौर पर श्मशान की तरफ तो कभी भूलकर भी नहीं जाना चाहिए।

अगर आप काफी समय से अपनी किसी मनोकामना को लेकर यज्ञ या अनुष्‍ठान करवाने के बारे में सोच रहे हैं तो अधिकमास का समय इस कार्य के लिए सर्वश्रेष्‍ठ है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, अधिकमास में करवाए जाने वाले यज्ञ और अनुष्‍ठान पूर्णत: का पूरा फल मिलता हैं और भगवान शिव अपने भक्‍तों की सभी इच्छायें पूर्ण करते हैं।

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