सर्दी में अपनी दरिंदगी दिखाने के लिए तैयार कोरोना, पढ़िए जर्मनी की ये खौफनाक रिसर्च


बिछ रही लाशों के बीच कोरोना का कहर जारी है। उधर, प्रदूषण की दोहरी मार से अब तक मौत का आंकड़ा 15 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। आशंकाओं पर बिल्कुल खरे उतरते यह आंकड़ें अब खौफनाक संकेतों की ओर इशारा करते हुए नजर आ रहे हैं। चेहरे पर शिकन और जुबां पर छाई खामोशियों के  बीच बस अब इंतजार कोरोना के कहर के थमने का है, लेकिन हालिया स्थिति तो फिलहाल इसके दुरूस्त होने के संकेत नहीं दे रहे हैं। उधर, बात अगर राजधानी दिल्ली की करें तो यहां पर मौत का आंकड़ा 5 हजार के पार पहुंच चुका है। सर्दियों की दस्तक के बाद कोरोना का कहर और खौफजदा हो चुका है।
 

जुर्मनी का खौफनाक खुलासा 
इसके साथ ही कोरोना के कहर को लेकर जर्मनी ने अपनी रिसर्च में खौफनाक खुलासा किया है। जर्मनी की रिसर्च के मुताबिक प्रदूषण  में इजाफे के साथ अब मौत के आंकडे़ में भी 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कार्डियोवास्कुलर रिसर्च जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन  में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रदूषण की वजह से 15 प्रतिशत मौतें बढ़ी हैं। प्रदूषण  की वजह से यूरोप में 19 प्रतिशत, अमेरिका में 17 प्रतिशत और पूर्वी एशिया में लगभग 27 प्रतिशत मौतें बढ़ी हैं।

क्या कहते हैं डॉक्टर 
इस बारे में डॉक्टर भी जिस तरह की जानकारी दे रहे हैं, वो भी काफी डराने वाली है। मैक्स हेल्थकेयर के पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. विवेक नांगिया कहते हैं कि प्रति एक मीटर में PM 2.5 के 1 माइक्रॉन बढ़ने से 8 प्रतिशत तक मृत्यु दर बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हवा  में प्रदूषण के कण बढ़ जाते हैं।  उधर, अगर कोई हंसता, छींकता या फिर खांसता है, तो  वायरस के कण PM 2.5 में मिल जाते हैं। यह ज्यादा दिनों तक हवा में रहने की क्षमता रखते हैं, जिसके चलते अन्य व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। 


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