हाथरस केस: मेरी दोस्ती थी उससे..मिलने भी आती थी मुझसे, फिर फंसा दिया मुझे

 

कब मिलेगा हाथरस की बेटी को इंसाफ? यह सवाल तो फिलहाल सवाल ही बना हुआ है, मगर इससे पहले जिस तरह के खुलासों का सिलसिला शुरू हो चुका है। वे सभी के होश फाख्ता करते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि अब इस पूरे मसले को लेकर अपनी बचाव करने के लिए एक नई पटकथा लिखने की बीड़ा आरोपियोंं ने उठा लिया हो। इस पूरे मामले में मुख्य आरोपित रहा संदीप का कहना है कि पीड़िता और उसके बीच में एक अच्छी दोस्ती थी। दोनों की फोन पर बात भी होती थी, जो कि पीड़िता के परिजनों को रास नहीं आती थी। बता दें कि मुख्य आरोपित संदीप ठाकुर ने अपने बयान को पत्र में दर्ज करते हुए पुलिस अधिक्षक को खत भी लिखा है, जिसमें उसने कहा कि यह उसे फंसाने के लिए एक सोची समझी साजिश है।

मुलाकात भी करती थी 
इतना ही नहीं, मुख्य आरोपित संदीप ठाकुर का कहना है कि 17 सितंंबर को उसकी पीडि़ता से खेत में मुलाकात हुई थी। आरोपित का कहना है कि इसके बाद उसने पीड़िता को तुरंत घर भेज दिया था। बात में उसे मालूम पड़ा था कि मां ने उसकी पिटाई की। बाद में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं, आरोपित संदीप ने खुद और तीन अन्य आरोपितों के झूठे केस में फंसने का आरोप लगाया है। आरोपित का कहना है कि यह उसे फंसाने की सोची समझी साजिश है।

वो कॉल डिटेल्स.. 
ध्यान रहे कि इससे पहले एक कॉल डिटेल्स भी सामने आई थी, जिसमें अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच आरोपी संदीप के फोन पर बात हुई। यह बात करीब 104 बार की गई। इतना ही नहीं ज्यादातर कॉल आधी रात के बाद किए गए। इसके साथ ही आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनकी बच्चे के जान को खतरा है। जेल में उनके बच्चे सुरक्षित नहीं हैं।

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